कोटा. जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की फ्रेंचाइजी के तौर पर कोटा शहर की बिजली व्यवस्था को संभाल रही कोटा इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (केईडीएल) की मुश्किलें और बढ़ सकती है. मंत्री शांति धारीवाल पहले ही उसके खिलाफ कार्यवाही की बात कर चुके थे और नगर निगम और नगर विकास न्यास के ज्यादा बिल सामने आने पर पुलिस को परिवाद भी दिया गया था.
मंत्री शांति धारीवाल ने कहा केईडीएल ने भरी जनता की फर्जी वीसीआरए बता दें कि अब यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा है कि केडीएल ने जनता की फर्जी वीसीआरए भर दी है. जबकि उनको वीसीआर भरने का अधिकार ही नहीं था. मंत्री धारीवाल ने कहा कि 6900 लोगों की फर्जी वीसीआर को केईडीएल ने भरी है. इनमें करोड़ों रुपए की वसूली भी कंपनी ने लोगों से की है. इसका खुलासा जिला कलेक्टर की ओर से गठित एक कमेटी में हुआ है. जिसमें जयपुर डिस्कॉम के अधिकारी भी शामिल थे. इस मामले में जिला कलेक्टर ने पुलिस को परिवाद भेज दिया है. इसमें भी पुलिस निजी बिजली कंपनी केईडीएल के खिलाफ कार्रवाई कर रही है.
सरकारी कार्यालयों के साथ भी किया धोखा
मंत्री धारीवाल ने कहा कि निजी बिजली कंपनी केईडीएल ने बिना विधिक प्रक्रिया की पालना किए ही कनिष्ठ अभियंताओं से ही उपभोक्ताओं की वीसीआर भरवा दी है. जबकि वीसीआर भरने के लिए अधिशासी अभियंता और इससे ऊपर के इंजीनियर या अधिकारी ही सक्षम है. यह गंभीर अनियमितता और चोरी की श्रेणी में आता है. कोटा के हर नागरिक के साथ केईडीएल ने धोखा किया है. यहां तक कि नगर निगम व नगर विकास न्यास के साथ सरकारी कार्यालय जो कि केंद्र और राज्य सरकार के हैं उनके साथ भी फ्रॉड हुआ है.
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जरूर भगाएंगे बिजली कंपनी को...
मंत्री धारीवाल ने कहा कि कोटा शहर की बिजली व्यवस्था को संभाल रही निजी बिजली कंपनी केईडीएल को भगाने का वादा मैंने चुनाव के दौरान किया था और मैं उसको भगाना भी चाहता हूं. उसके लिए लगातार फैक्ट इकट्ठे कर रहे हैं, समय लगेगा लेकिन हम इसको भगाने में कामयाब होंगे.