कोटा. नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने 1 जनवरी से फास्टैग की अनिवार्यता लागू की थी. लेकिन इसे 15 फरवरी तक टाल दिया है. इस नियम के लागू हो जाने के बाद फास्टैग के बिना गुजरने वाले वाहनों को दोगुना टोल देना होगा. हालांकि इसके बावजूद कोटा के टोल प्लाजा पर 76 फ़ीसदी टोल कलेक्शन फास्टैग के जरिए हो रहा है. अभी भी 24 फ़ीसदी टोल लोग नगद भुगतान ही कर रहे हैं.
कोटा जिले के मंडाना, सिमलिया और बारां जिले के फतेहपुर टोल प्लाजा पर से गुजरने वाले आधे वाहन फास्टैग का उपयोग नहीं कर रही हैं. फतेहपुर से गुजरने वाले 2 हजार वाहनों में से 750 नगद भुगतान कर रहे हैं. इसी तरह से सिमलिया से यहां 3000 वाहन फास्टैग से भुगतान कर रहे हैं, तो 2700 नगद दे रहे हैं. मंडाना टोल प्लाजा में 5000 फास्टैग तो 5000 नगद भुगतान कर रहे हैं. वाहनों के गुजरने का प्रतिशत की बात की जाए तो मंडाना से 50 फ़ीसदी, सिमलिया से 53 और फतेहपुर से 64 फ़ीसदी वाहन ही फास्टैग का उपयोग कर रहे हैं. जबकि नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया इसके लिए सतत प्रयास कर रहा है. लगातार टोल प्लाजा पर भी लोगों से समझाइश की जा रही है. वहां के कार्मिक और इंजीनियर भी इस बारे में लोगों से बात करते हैं.
38 फीसदी वाहन नगद कर रहे भुगतान
एनएचएआई के कोटा पीआईयू के अधीन आने वाले 6 टोल प्लाजा पर से करीब दिन भर में 32 हजार छोटे-बड़े व्हीकल गुजरते हैं. इनमें से 20000 ही फास्टैग के जरिए अपना भुगतान करते हैं, जबकि 12000 व्हीकल नगद भुगतान कर रहे हैं. यानी 38 फ़ीसदी वाहन अभी भी फास्टैग का उपयोग नहीं कर रहे हैं. ऐसे वाहन चालकों को 15 फरवरी के बाद दोगुना टोल चुकाना पड़ सकता है.
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