कोटा. प्रदेश में कोटा का रावण दहन बेहद खास होता है. पूरे देश में कोटा के दशहरे का अलग ही नजारा होता है. इस बार कोटा में 126वां राष्ट्रीय दशहरा मनाया जा रहा है.
दशहरा मैदान में 101 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन होगा. अहंकारी रावण के साथ मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले भी जलाए जाएंगे. हालांकि हर बार नगर निगम की तरफ से दशहरा मैदान में बनाए जाने वाले रावण व उसके कुनबे के पुतलों को एक दिन पहले ही खड़ा कर दिया जाता था. लेकिन इस बार रावण का परिवार 1 दिन पहले नहीं खड़ा हो पाया.
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सोमवार सुबह 7 बजे से 150 लोगों की टीम रावण के कुनबे को खड़ा करने में जुटी हुई थी, जिसने करीब 30 घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद दो क्रेनों की सहायता से रावण का पुतला खड़ा किया. जो दोपहर में जाकर खड़ा हो पाया. नगर निगम की मेला अधिकारी ने बताया कि इस बार रावण के पुतलों की हाइट बढ़ने के साथ ही रावण का वजन भी बढ़ गया. वहीं बारिश में गिला होने से भी इसका वजन और भी बढ़ गया. साथ ही टेक्निकल समस्या होने से भी काफी परेशानियां आई है.
गढ़ पैलेस में लगेगा रियासती दरीखाना...
रावण दहन से पूर्व गढ़ पैलेस में रियासती दरीखाना लगता है. इसमें पूर्व महाराज के अलावा शहर के गणमान्य लोग उपस्थित होते हैं. इसके साथ ही सांय छह बजे गढ़ पैलेस से लक्ष्मीनारायण भगवान की सवारी दशहरा मैदान के लिए रवाना होगी और रात 8 बजे रावण का पूजन कर दहन किया जाएगा. पूर्व महाराज कुमार इज्यराज सिंह रावण वध की यह परंपरा निभाएंगे.
इस रावण दहन में पूर्व राज परिवार सहित रियासत के पूर्व जमींदार राजसी वेशभूषा में नजर आएंगे. कोटा के राष्ट्रीय दशहरा मेले में इस बार मुख्य अतिथि के रूप में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला शामिल होंगे. जिसके लिए वह कोटा पहुंच चुके हैं.
लाखों की उमड़ती है भीड़...