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सिंघवी के बयान पर दिलावर की नसीहत, कहा- BJP वही पार्टी है जिसने अहम पालने पर राष्ट्रीय अध्यक्ष को भी पद से हटा दिया था - madan dilawar latest news

छबड़ा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी गुरुवार को वसुंधरा राजे के समर्थन में खुलकर सामने आए. इसके बाद भाजपा नेता मदन दिलावर ने कहा कि भाजपा वही पार्टी है, जिसने राष्ट्रीय अध्यक्ष को अहम पालने पर अध्यक्ष पद से हटा दिया था.

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सिंघवी के बयान पर दिलावर की नसीहत

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Published : Jun 17, 2021, 11:07 PM IST

कोटा.राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्रीवसुंधरा राजे को लेकर राजस्थान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में खींचतान जारी है. गुरुवार को छबड़ा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने वसुंधरा राजे के समर्थन में अपना बयान दिया है. उन्होंने कहा कि राजे का राजस्थान में कोई विकल्प नहीं है. लेकिन, अब इसी बयान पर विधायक मदन दिलावर की ओर से प्रतिक्रिया आई है.

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पार्टी का काम नहीं रुकता है

मदन दिलावर ने कहा कि भाजपा वह पार्टी है, जिसने राष्ट्रीय अध्यक्ष को अहम पालने पर अध्यक्ष पद से हटा दिया था. साथ ही प्राथमिक सदस्यता से भी निष्कासित कर दिया था. इस दौरान उन्होंने वसुंधरा राजे या अन्य किसी नेता का नाम नहीं लिया, लेकिन साफ कहा कि किसी भी नेता के नहीं होने से पार्टी का काम नहीं रुकता है.

सिंघवी के बयान पर दिलावर की नसीहत

संगठन ही सर्वोपरि

दिलावर ने कहा कि संगठन ही सर्वोपरि और सबसे ऊपर है. हम भाजपा के कार्यकर्ता हैं, हम यही सुनते आए हैं और नेतृत्व से हमने यही सीखा है. कई बार चर्चाएं होती है कि जिस तरह से कांग्रेस के नेता कहते थे इंदिरा ही इंडिया और इंडिया ही इंदिरा है, यह कथन बिल्कुल गलत था. भाजपा नेताओं ने भी इस प्रकार की चर्चाएं की है.

यह कहने वालों से बड़ा मूर्ख कोई नहीं

कोई यह कहे कि रामगंजमंडी में तो पार्टी मदन दिलावर ही है और मदन दिलावर के बिना काम नहीं चलेगा, तो मैं समझता हूं कि यह कहने वालों से बड़ा मूर्ख कोई नहीं है. मैंने यह भी देखा है और सुना है कि भगवान राम के समय ऐसा कहा जाता था कि उनके बिना देश नहीं चलेगा, इंदिरा गांधी नहीं रहेगी तो देश नहीं चलेगा, कांग्रेस नहीं चलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है. हमारे यहां भी कल्पना रहती थी. अटल बिहारी वाजपेई के लिए भी कही जाती थी, लेकिन नया नेतृत्व उभर कर आया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेतृत्व कर रहे हैं. घमंड पालने वालों का हश्र ठीक नहीं रहा है.

यह वह जनसंघ है, जिसने राष्ट्रीय अध्यक्ष को अहम पालने पर अध्यक्ष पद से हटा दिया था. साथ ही भारतीय जनसंघ की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया था. हम सब पार्टी के कार्यकर्ता हैं व्यक्तिवादी नहीं हैं. जो लोग इस तरह का बयान देते हैं कि एक व्यक्ति के जाने के बाद पार्टी नहीं चलेगी तो उनके जैसे कार्यकर्ताओं के निर्माण में कहीं कमी रह गई है.

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