कोटा. मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बाघों की मौत के मामले में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सोमवार को नई दिल्ली में लोकसभा सचिवालय में ही नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी व राजस्थान के वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की है. साथ ही बिरला ने एनसीटीए की एक टीम गठित करने और मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बाघों की मौत के मामले में सटीक जांच और टाइगर रिजर्व में पर्यटन की विकास संभावनाओं का अध्ययन करने के निर्देश दिए हैं.
कमेटी गठित कर कारण तलाशने के दिए निर्देश इस दौरान मौजूद अधिकारियों ने बिरला को आश्वस्त किया है कि वह 2 महीने के अंदर एक विस्तृत रिपोर्ट बनाकर तैयार करेंगे. इस टीम में वन विभाग राजस्थान के अधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा.
स्पीकर बिरला ने कहा कि मुकुंदरा अभी नया टाइगर रिजर्व है, ऐसे में हमें यहां अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है. एनटीसीए और राजस्थान के वन विभाग के अधिकारी आपस में तालमेल रखते हुए हर उस संभावना को तलाशें, जिससे हम बाघों को संरक्षित करते हुए टाइगर रिजर्व को विकसित कर सकें और रोजगार के नए द्वार खुले.
बैठक के बाद एनटीसीए के प्रोजेक्ट टाइगर के अतिरिक्त महानिदेशक एसके यादव ने एक सप्ताह में टीम गठित करने की जानकारी बैठक में दी है. इस टीम के विशेषज्ञ सदस्य कोटा जाकर सम्पूर्ण परिस्थितियों का बारीकी से अध्ययन करेंगे. वे टाइगर रिजर्व के अधिकारियों और स्थानीय विशेषज्ञों से भी चर्चा करेंगे.
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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला एमएचटीआर को पर्यटन के अंतर्राष्ट्रीय नक्शे पर लाना चाहते हैं, ताकि ये पर्यटकों के आकर्षण का महत्वपूर्ण केंद्र बन कर उभरें. इसी को ध्यान में रखते हुए रिपोर्ट में टाइगर रिजर्व को विकसित करने, बाघों के लिए अनुकूल वातावरण बनाने, वन क्षेत्र के विस्तार, शाकाहारी मवेशियों की संख्या बढ़ाने के मुद्दों को इसमें शामिल किया जाए.
बता दें कि बीते 1 महीने के अंदर ही मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में एक बाघ, एक बाघिन और एक शावक की मौत हो चुकी है. वहीं एक शावक अभी लापता है. जिसको 15 दिनों से एमएसटीआर प्रबंधन ढूंढने में नाकामयाब रहा है. अब उसके जीवित मिलने की संभावना नगण्य ही लग रही है.