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कोटाः भारतमाला प्रोजेक्ट का विरोध, गांव के लोगों ने दी भूमि समाधि और आत्मदाह की चेतावनी - kota news

कोटा भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत दिल्ली मुम्बई हाईवे का काम शुरू होने से पहले ही उसका विरोध शुरू हो गया. जिले में इस प्रोजेक्ट के तहत 105 किलोमीटर की सड़क बनेगी. इसके लिए किसानों की जमीन अधिग्रहण कर नियमों के अनुसार मुआवजा जारी कर दिया गया है. लेकिन किसानों की मांग है कि उन्हें इसके बदले में पूरा मुआवजा और दूसरी जगह मकान बनाकर दिया जाए.

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भारतमाला प्रोजेक्ट का विरोध

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Published : Jan 30, 2020, 5:44 PM IST

कोटा.भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत शहर के लाडपुरा विधानसभा के परलिया की झोपड़ीया को हाइवे में शामिल कर लिया गया है. इसपर पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत गांव में पहुंच कर लोगों से मुलाकात की. गांव वालों ने पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत से कहा कि वे जमीन और मकान देने के लिए तैयार है, लेकिन उन्हें इसका बदले में पूरा मुआवजा और दूसरी जगह मकान बनाकर दे दिया जाए. वहीं गांव वालों ने चेतावनी भी दी है कि ऐसा नहीं होता है तो वह भूमि समाधि लेंगे, इसके बाद सामूहिक आत्मदाह करेंगे.

भूमि समाधि और आत्मदाह की चेतावनी

राजावत ने कहा कि परलिया की झोपड़ियां गांव में लोगो की तीन पीढ़ियां गुजर चुकी है. पूरा गांव हाईवे में आ जाने के बाद 2 माह पूर्व प्रशासन ने उनको नोटिस दे दिए है. प्रशासन यह तय नहीं कर पाया है कि मकान तोड़ने के बाद गांव वाले कहा रहेंगे. साथ ही गांव को दोबारा से बचाने को लेकर प्रक्रिया नहीं अपनाई जा रही है. वहीं इस मामले में उन्होंने कलेक्टर को भी अवगत करवाया था.

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बता दें कि प्रोजेक्ट के लिए 66 गांव की ग्यारह सौ हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया है. इसमें 750 हेक्टेयर निजी किसानों और खातेदारों की है. जबकि 350 हेक्टेयर सरकारी जमीन है. अधिग्रहित जमीन के लिए किसानों को सितंबर 18 से डीएलसी दर के अनुसार मुआवजा दिया जा रहा है. वहीं इस मद में एनएचएआई ने 400 करोड़ प्रस्तावित किए हैं, जो एसडीओ के खाते में जमा करवा दिए गए है.

एसडीओ की ओर से किसानों को मुआवजा लेने के लिए नोटिस जारी किए जा रहे हैं. वहीं 100 से अधिक किसान मुआवजा राशि से असहमति का पत्र एसडीओ को दे चुके हैं. वहीं एसडीओ को किसानों की दलीलों को सुनकर अपना फैसला देना है. इसके बाद इस पर अब्रिट्रेटर कलेक्टर को फैसला करना है.

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