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कोटा के साथ फिर हुआ अन्याय, इस बार भी JEE Advance के परीक्षा केंद्र से नदारद - परीक्षा सेंटर में कोटा नहीं

देश के सबसे बड़े इंजीनियरिंग संस्थान आईआईटी में प्रवेश के लिए आयोजित होने वाली जेईई एडवांस की परीक्षा 17 मई को होनी हैं. इस बार की जेईई एडवांस की परीक्षा को आईआईटी दिल्ली आयोजित करेगा, लेकिन इस बार भी परीक्षा सेंटर से कोटा का नाम नदारत मिला हैं.

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इस बार भी नहीं मिला जेईई एडवांस का परीक्षा केंद्र

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Published : Mar 7, 2020, 6:02 PM IST

कोटा.कहने को तो कोटा को मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी के हिसाब से शिक्षा की काशी कहा जाता है, लेकिन हर साल की भांति इस बार भी कोटा के साथ परीक्षा केंद्रों के मामले में अन्याय हुआ हैं. इस बार भी जेईई एडवांस परीक्षा के सेंटर से कोटा का नाम नदारद देखने को मिला. ऐसे में कोटा के कोचिंग संस्थानों में पढ़कर आईआईटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स को दूसरे शहरों में परीक्षा देने के लिए जाना होगा.

इस बार भी नहीं मिला जेईई एडवांस का परीक्षा केंद्र

राजस्थान में बनाए गए 7 परीक्षा केंद्र

आईआईटी दिल्ली की ओर से 6 मार्च को जारी की गई सूचना के अनुसार राजस्थान के अलवर, अजमेर, बीकानेर, जयपुर, जोधपुर, सीकर और उदयपुर में 7 परीक्षा केंद्र स्थापित किए गए हैं. वहीं, कोटा के कोचिंग संस्थान से जुड़े देव शर्मा ने बताया कि ऑनलाइन आवेदन के दौरान विद्यार्थियों को परीक्षा केंद्र हेतु 6 शहरों के नाम विकल्प के रूप में भरने होंगे.

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करीब ढाई लाख विद्यार्थी होंगे जेईई एडवांस परीक्षा के पात्र, आवेदन 1 मई से

शिक्षाविद देव शर्मा ने बताया कि जेईई मेंस जनवरी-2020 के परीक्षा परिणाम की मेरिट सूची से प्रथम ढाई लाख विद्यार्थी आगामी जेईई एडवांस की परीक्षा हेतु पात्र होंगे. इसकी परीक्षा 17 मई को आयोजित की जाएगी, जो दो पारियों में सुबह 9:00 से 12:00 और दोपहर 2:30 से 5:30 बजे तक होगी. इसके लिए विद्यार्थियों को 1 मई से आवेदन करने होंगे.

पढ़ाई करने में होता हैं डिस्टरबेंस

कोटा से कोचिंग कर रहे छात्रों का कहना है कि जेईई एडवांस का सेंटर मेंस की तरह कोटा में होना चाहिए, क्योंकि यहां पर वह कोचिंग कर रहे है और किसी भी तरह की कोई डिफिकल्टी होने पर फैकल्टी से जाकर बात कर सकते हैं, लेकिन दूसरे शहर में सेंटर होने से उन्हें वहां पर एक दो दिन पहले ही निकलना होता है. ऐसे में किसी भी सवाल पर दिक्कत होने पर उन्हें परेशानी होती है.

बढ़ जाता है बसों का किराया, नहीं मिलता ट्रेनों में जगह

दूसरे शहर में परीक्षा होने पर लास्ट में उन्हें अच्छे से तैयारी करनी होती है, लेकिन एक-दो दिन ट्रेवल में निकल जाता है. साथ बस वाले भी किराया बढ़ा देते हैं. यहां तक की ट्रेनों में भी जगह नहीं मिलती. दूसरे शहरों में परीक्षा दिलाने के लिए उनके गार्जियन को भी अपना काम छोड़ कर आना पड़ता है. खासकर छात्राओं को ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ती हैं.

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