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लॉकडाउन का असर: बंद पड़े करीब 900 करोड़ के कार्य को UIT ने करवाया शुरू, यहां-यहां हो रहा कार्य

लॉकडाउन में यातायात सड़क पर नहीं चल रहा है. इसका फायदा उठाकर नगर विकास न्यास ने अपने बंद पड़े हुए 900 करोड़ रुपए के काम शुरू कर दिए हैं. इनमें अधिकांश में अंडरपास और फ्लाई ओवर का निर्माण होना है.

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निर्माण कार्यों को लॉकडाउन का मिल रहा फायदा

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Published : May 15, 2020, 8:58 PM IST

कोटा.कोरोना वायरस से बचाव को लेकर लॉकडाउन किया हुआ है. इस दौरान बाजार बंद हैं और आवश्यक दुकान नहीं खोली जा रही है. हालांकि अब सरकार लगातार रियायत देती जा रही है. इसके चलते सड़कों पर ट्रैफिक भी देखने को मिल रहा है. हालांकि अभी भी पूरा यातायात सड़क पर नहीं चल रहा है. इसका फायदा उठाकर नगर विकास न्यास ने अपने बंद पड़े हुए 900 करोड़ रुपए के काम शुरू कर दिए हैं. इनमें अधिकांश में अंडरपास और फ्लाई ओवर का निर्माण होना है. यह अधिकांश हुए कार्य हैं, जिन पर सड़कों में डायवर्जन होता और लोगों को लंबी दूरी पार कर अपने घरों पर जाना पड़ता है. यहां तक कि ट्रैफिक जाम भी डायवर्जन के चलते सड़कों पर होता, जिसका भी खामियाजा जनता उठाती.

करोड़ों का बंद कार्य हुआ शुरू

साथ ही कई बाजार ऐसे भी होते जहां पर जाने का रास्ता ही नहीं होता. ऐसे में उन दुकानदारों की भी आमदनी नहीं हो पाती. ऐसे में स्थानीय दुकानदार डायवर्जन का विरोध करते और जल्दी काम करवाने की जिद भी करते, ताकि उनका व्यापार खराब न हो. इसका आक्रोश भी लोगों में होता और कार्य नहीं हो पाते, लेकिन लॉकडाउन के चलते जब सब कुछ बंद था, तो यूआईटी ने ऐसे काम को गति देते हुए कार्य शुरू करवा दिया. यूआईटी ने अंटाघर चौराहे, गोबरिया बावड़ी और एरोड्रम सर्किल पर अंडरपास का निर्माण शुरू करवा दिया है. इसके अलावा इंदिरा गांधी सर्किल और रेजोनेंस के सामने फ्लाई ओवर का काम भी शुरू है. इसके अलावा बीते कई सालों से चल रहे केशवपुरा फ्लाई ओवर का कार्य भी यूआईटी ने तेज गति से शुरू करवा दिया है. ऐसे में उसके ब्लॉक्स को चढ़ाने का कार्य किया जा रहा है.

निर्माण कार्यों को लॉकडाउन का मिल रहा फायदा

सैकड़ों दुकानों के सामने हो गई खुदाई, लेकिन नहीं हुआ विरोध...

इंदिरा गांधी सर्किल से घोड़े वाले बाबा चौराहे के बीच की सड़क की खुदाई की जा रही है. यहां पर फ्लाई ओवर का निर्माण होगा. ऐसे में यहां पर मोबाइल, मावा, खल और चुरी, इलेक्ट्रॉनिक्स शोरूम, इलेक्ट्रॉनिक रिपेयर शॉप और साइकिल की भी बड़ी संख्या में दुकानें स्थित हैं. ऐसे में डायवर्जन होने के समय लोग कुछ विरोध भी करते, लेकिन जब दुकानें ही बंद थीं. तब यूआईटी के अधिकारियों ने आकर काम शुरू करवा दिया. इसके चलते विरोध भी नहीं हुआ. अभी भी यहां पर मशीनरी उससे खुदाई का क्रम जारी है. ऐसे में ये लोग विरोध भी करते, लेकिन किसी का विरोध लॉकडाउन के दौरान नहीं हुआ और पूरी सड़क को खोद दिया गया है. अभी भी यहां पर मशीनों से खुदाई जारी है.

सैकड़ों दुकानों के सामने हो गई खुदाई

सबसे बड़े व्यस्त चौराहे पर डायवर्जन से होती है ट्रैफिक जाम की स्थिति...

शहर के सबसे व्यस्ततम चौराहे एरोड्रम सर्किल पर भी अंडरपास का निर्माण किया जा रहा है. पहले कार्य बंद था, लेकिन लॉकडाउन में जब सरकार ने निर्माण कार्य शुरू करने की अनुमति दी, तब यह कार्य यूआईटी ने शुरू करवा दिया. एक अनुमान के अनुसार एरोड्रम सर्किल से रोजाना करीब 50 हजार वाहन गुजरते हैं. ऐसे में पीक आवर्स में यहां पर जाम जैसी स्थिति बनी रहती है. विज्ञान नगर की तरफ से आने वाले वाहनों की कतार एयरपोर्ट के सामने तक पहुंच जाती है और ट्रैफिक रेंगते हुए चलता है. ऐसी स्थिति में जब निर्माण कार्य शुरू होता तब यह जाम और बढ़ जाता, लेकिन लॉकडाउन के चलते अभी जब कार्य किया जा रहा है. तब ऐसी कोई स्थिति नजर नहीं आ रही है.

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लाखों टन वजनी ब्लॉक्स को मशीनों से चढ़ाते हैं, खतरा बना रहता है...

यूआईटी ने केशवपुरा फ्लाईओवर का कार्य लॉकडाउन में दोबारा शुरू करवा दिया और उसको गति से करने के निर्देश दिए गए हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले यहां पर जब निर्माण जारी था. तब जगह-जगह रास्ता बंद कर दिया जाता था, क्योंकि बड़ी मशीनों से लाखों टन वजनी ब्लॉक फ्लाई ओवर के ऊपर चढ़ाए जाते थे, इसके चलते आसपास खड़े वाहनों को भी नुकसान का अंदेशा था.

अंडरपास और फ्लाई ओवर का निर्माण शुरू

स्थानीय दुकानदार उमेश सोनी बताते हैं कि जब लॉकडाउन में पूरा मार्केट ही बंद है, तो वाहनों का आवागमन भी नहीं है. इसके अलावा हमें भी कुछ दिन दुकानें बंद रखनी पड़ती थी. जब हमारे दुकान के आसपास ब्लॉक चढ़ाए जाते थे, तब दुकान के आसपास का रास्ता बंद कर दिया जाता था. ऐसे में ग्राहक न जा सकता था, न हम लोग कोई माल बाहर पहुंचा पाते थे. अब जब लॉकडाउन में सभी बंद है तो इन्होंने यह कार्य तेजी से कर दिया. इससे हमें भी फायदा हुआ है. वहीं दुकानदारों का कहना है कि जब काम चलता है तो दुर्घटना कभी संभावना बनी रहती है. ऐसे में एहतियात के तौर पर सख्ती भी बरती जाती है. अभी यह समस्या भी नहीं है.

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