कोटा. देश में चल रहे कोयला संकट के बीच कई थर्मल पावर स्टेशन बंद हैं. प्रदेश में भी ऐसे ही हालात बने हुए हैं. बिजली की कटौती कई जगह पर की जा रही है लेकिन कोटा सुपर थर्मल पावर स्टेशन में 6 यूनिटों में उत्पादन हो रहा है. यह उत्पादन 1000 मेगावाट से ज्यादा है, जो कि राजस्थान को एक तिहाई बिजली उपलब्ध करवा रहा है. कोटा थर्मल पावर प्लांट के पास 47 हजार मैट्रिक टन से ज्यादा कोयला उपलब्ध है.
ऐसे में कोटा सुपर थर्मल सुपरक्रिटिकल स्थिति में तो है, लेकिन अभी भी 4 दिन का कोयला यहां पर शेष है. साथ ही रोज कोयले की चार से पांच रैक यहां पहुंच रही हैं. जिससे लगातार बिजली की जितनी खपत हो रही उतनी ही मात्रा में यहां कोयला उपलब्ध हो रहा है. कोटा थर्मल में इस महीने कोयले की 130 माल गाड़ियों का एलॉटमेंट है. कोटा थर्मल पावर प्लांट के पास 47 हजार मैट्रिक टन से ज्यादा कोयला उपलब्ध है. ऐसे में यह सुपरक्रिटिकल स्थिति में तो है लेकिन अभी भी 4 दिन का कोयला यहां पर शेष है.
सालाना मेंटेनेंस के चलते बंद है 6 नंबर यूनिट, जल्द शुरू करने के निर्देश
कोटा सुपर थर्मल पावर स्टेशन की 6 नंबर यूनिट सालाना रखरखाव के लिए बंद की गई है. यह 195 मेगावाट की यूनिट है. जो कि करीब 15 दिनों से बंद है. कोटा सुपर थर्मल पावर स्टेशन के चीफ इंजीनियर वीके गोलानी का कहना है कि राज्य सरकार ने 3 दिन में इस सालाना मेंटेनेंस के लिए बंद यूनिट को भी चालू करने के निर्देश दिए हैं. ऐसे में इसके लिए लगातार हम प्रयासरत हैं. इसका शटडाउन जल्दी ही बंद कर इसे लाइट अप किया जाएगा. ताकि सिंक्रोनाइज के बाद इससे भी उत्पादन शुरू हो सके. उन्होंने कहा कि इसको लेकर शुक्रवार को भी अधिकारियों के साथ मीटिंग की है.