कोटा.कोटा के श्रेयांश मेहता (shreyansh mehta)और निखिल बाहेती (Nikhil Baheti) ने अपने तेलंगाना के आईआईटीएन दोस्त सायदा धानावत के साथ मिलकर मेडकार्ड्स कंपनी 2017 में शुरू की थी. इन लोगों ने मेडिकल रिकॉर्ड एकत्रित करना शुरू किया था.
इसके बाद 2019 में आयु और सेहत साथी एप (Sehat Sathi app) को लॉन्च किया गया. इन एप के जरिये घर बैठे व्यक्ति मोबाइल एप के जरिये चिकित्सक से परामर्श (doctor consultation) ले सकता है. इसमें डॉक्टर से अपॉइंटमेंट लेने की आवश्यकता नहीं है. मरीज आधे घंटे में चिकित्सक से परामर्श ले सकता है.
फॉर्ब्स ने मेडकार्ड्स के आयु (aayu app) और सेहत साथी ऐप को दो बार अच्छे स्टार्टअप की श्रेणी में माना है. पहली बार कोविड-19 के काल में गांव-गांव में चिकित्सा सुविधाएं (medical facilities)इसके जरिए पहुंचाई गई थी. साथ ही दूसरी बार भी यह जून महीने में शामिल हुआ है. जिसमें किस तरह से कोटा जैसे छोटे शहर से एक बड़ी कंपनी उभरकर आई. जिसमें कि 30 लाख से ज्यादा लोगों को इसमें जोड़ लिया है और मेडिकल स्टोर को भी डिजिटलाइजेशन (medical store digitization)कर दिया.
देशभर के 5000 डॉक्टर ऐप से जुड़े
मेडकार्ड्स के फाउंडर निखिल बाहेती का कहना है कि उनके साथ 5000 से ज्यादा विशेषज्ञ डॉक्टर जुड़े हुए हैं. जो कि कोटा ही नहीं देश भर के हैं. जिसमें राजस्थान के साथ वेस्ट बंगाल, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों के हैं. जो कि ग्रामीण इलाके के लोगों को ऐप के जरिए ही चिकित्सक की सलाह दे रहे हैं.
निखिल का कहना है कि वह हर महीने पांच करोड रुपए की दवा डिलीवर कर रहे हैं. जिनमें के डेढ़ लाख से ज्यादा आर्डर हैं. यह आंकड़ा बढ़ते हुए क्रम में है. मेडकार्ड्स ने मरीजों के हेल्थ हिस्ट्री को संधारित करना शुरू किया था. इसमें 30 लाख से ज्यादा लोगों का रिकॉर्ड डिजिटली संधारित है.
पिछड़े हेल्थ सेक्टर को लेकर मेडकार्ड्स के फाउंडर श्रेयांश मेहता का कहना है कि उन्होंने इस स्टार्टअप को इसलिए शुरू किया था क्योंकि हेल्थ सेक्टर में भारत काफी पिछड़ा हुआ है. गांव-गांव में अच्छा हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर बनना बाकी है. इसी में मदद करने के लिए उन्होंने मरीजों की हेल्थ हिस्ट्री लेना शुरू किया. इसके बाद उन्हें परामर्श पहुंचाने का काम भी शुरू किया. उनके नेटवर्क में छोटे कस्बों और गांवों के भी 25000 मेडिकल स्टोर जुड़ गए हैं.
एंड्राइड फोन नहीं तो सेहत साथी से ले सकते हैं परामर्श
निखिल बाहेती का कहना है कि लोग आयु ऐप के जरिए परामर्श ले सकते हैं. लेकिन जिनके पास एंड्रॉयड फोन नहीं है, उनके लिए समस्या हो जाती है. ऐसे में सेहत साथी ऐप भी उन्होंने बनाया है. जिसका उपयोग मेडिकल स्टोर संचालक करते हैं. वहां पर भी लोग जाकर चिकित्सक के लिए परामर्श की रिक्वेस्ट डाल सकते हैं. इसके कुछ ही मिनटों में उसे परामर्श चिकित्सक दे देता है. साथ ही दवाओं की सलाह भी दे देता है. जिस का पर्चा बनकर व्यक्ति के मोबाइल पर आ जाता है. या मेडिकल स्टोर वाले के पास आ जा सकता है. जिसे वह आस-पास कहीं से भी खरीद सकता है. या एप के जरिए भी मंगा सकता है.
पूरी जानकारी देने के बाद ही मिलता है परामर्श