कोटा. नगर निगम में पार्षदों और अधिकारियों के बीच चल रहे गतिरोध के तीसरे दिन आयुक्त कक्ष के बाहर पार्षद पहुंचे. जहां वो सद्बुद्धि यज्ञ करने की प्लानिंग में पहुंचे थे. लेकिन, नगर निगम परिसर में लगा फायर सेफ्टी स्मोक डिटेकटर ने उनके सद्बुद्धि यज्ञ पर ब्रेक लगा दिया. क्योंकि अगर वह सद्बुद्धि यज्ञ करते और धुआं उठता तो स्मोक डिटेकटर के अलर्ट के बाद फायर अलार्म सिस्टम बज जाता, जिससे नगर निगम के अन्य कार्मिकों को भी तकलीफ होती और काम भी बंद हो जाता.
स्मोक डिटेकटर फायर सेफ्टी ने रोका पार्षदों का सद्बुद्धि यज्ञ ऐसे में आनन-फानन में पार्षदों ने अपने प्लान में पूरा बदलाव किया और सद्बुद्धि यज्ञ की जगह सुंदरकांड का आयोजन रखा. इसमें ढोलक और मंजीरे लेकर पार्षद आयुक्त कार्यालय के बाहर पहुंच गए और करीब 2 घंटे तक लगातार संगीत में सुंदरकांड किया. जिसमें महिला पार्षद भी साथ रही. करीब दो घंटे तक ढोलकी और मजीरे बजाते रहे. हालांकि आयुक्त अपने कक्ष में मौजूद नहीं थे, वह किसी कार्य से बाहर गए हुए थे.
पार्षदों का कहना है कि स्मोक डिटेक्टर की वजह से उन्होंने अपना प्लान बदला है. जिससे निगम कार्मिकों को परेशानी नहीं हो, वहीं अन्य पार्षदों का कहना है कि वह अपनी मांग पूरा करवा कर रहेंगे.
पढ़े: जमीन का झांसा देकर शहीद की वीरांगना के साथ 7 साल तक 6 लोग करते रहे 'गंदा काम'...लाखों रुपए और जेवर भी हड़पे
भाजपा पार्षदों का कहना है कि गुरुवार को भी महापौर महेश विजय और उपमहापौर सुनीता व्यास की आयुक्त वासुदेव मालावत के साथ 4 घंटे 30 मिनट मीटिंग हुई, लेकिन उससे कुछ समाधान नहीं निकला. उन्होंने कहा कि जो सामान्य मुद्दे हैं, उन पर भी निगम प्रशासन काम नहीं कर पा रहा है. जिनमें वार्डों में खेल सामग्री का वितरण, निर्माण कार्यो, सीवरेज का कार्यादेश और गार्डन की सफाई करवाना है. दीपावली का त्यौहार नजदीक होने से शहर में अतिरिक्त संसाधन लगाकर सफाई और बंद पड़ी 60 फीसदी रोड लाइट को अभिलंब चालू करवाना शामिल है.