कोटा.जिले के किसान इस बार बारिश के लिए तरस रहे हैं. उनकी सोयाबीन और चावल की फसल को पर्याप्त पानी नहीं मिल पाया. ऐसे में चंबल की दाई और बाई मुख्य नहर से पानी भी प्रभावित किया गया है. नहर के कमांड एरिया के किसानों को फसल के लिए पानी मिल सके.
औसत बारिश में पिछड़ा कोटा ईटीवी भारत में वर्षा के रिकॉर्ड को चेक किया तो सामने आया कि, बीते 10 सालों में इस साल जुलाई महीने में सबसे कम बारिश दर्ज की है. जुलाई माह में महज 141.7 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि औसत 269 मिलीमीटर है. यहां तक कि अगस्त माह में जहां 5 से 7 तारीख के बीच में भारी वर्षा की चेतावनी मौसम विभाग ने दी थी, लेकिन कोटा में की बारिश नहीं हो पाई. मानसून की बेरुखी इस बार काफी असर दिखा रही है.
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कुल बारिश में 25 फीसदी पिछड़ गया कोटा
मौसम विभाग के अनुसार बारिश का रिकॉर्ड देखा जाए, तो जून और जुलाई दोनों महीनों में औसत बारिश में कोटा 25 फीसदी पिछड़ गया है. अभी तक हुई बारिश के मुताबिक जून और जुलाई में जहां पर कोटा जिले में 345 मिलीमीटर बारिश का औसत है, उसकी जगह करीब 264.1 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है.
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जून में 161 प्रतिशत हुई बारिश
कोटा जिले में हालांकि जून माह में बारिश औसत से ज्यादा दर्ज की गई है. कोटा जिले में जून माह का औसत जहां पर 76.3 मिली मीटर है. उसकी जगह 122.6 मिलीमीटर बारिश हुई है. यह जून माह की औसत बारिश का 161 फीसदी है. हालांकि अधिकांश क्षेत्रों में सोयाबीन की फसल की बुवाई नहीं हो पाई थी, क्योंकि कोटा जिले में 1 जुलाई के बाद ही बुआई सोयाबीन के अधिकांश किसान करते हैं.