कोटा. सिंधी कॉलोनी से गायब हुए निखिल टेकवानी की हत्या के मामले में आज कोटा शहर पुलिस ने खुलासा किया. उन्होंने सुबह ही तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था. इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीण जैन ने बताया कि हत्यारों ने शव को जंगल में ठिकाने लगाने के लिए जला दिया और आरोपी भागने की फिराक में भी थे.
ऐसे में उन्होंने केशोरायपाटन, बूंदी और झालावाड़ की तरफ भी भागने की कोशिश की थी. इसके अलावा चित्तौड़गढ़ की तरफ से भागने की फिराक में थे. पुलिस का कहना है कि आरोपी हाईवे से ही उम्मेदगंज वाले रास्ते से दाढ़ देवी के जंगल में चले गए. जहां पर 14 अगस्त को गहरे जंगल में जहां पर कोई आता-जाता भी नहीं है, वहां पर उसके शव को जला दिया. इसके एक दिन बाद उन्होंने निखिल की कार को भी लाश जहां जलाई थी, वहां से 4 किलोमीटर दूर जंगल में ही ले जाकर जला दिया.
निखिल को अंतिम कॉल था आयुष का, ऐसे में पुलिस को था उस पर शक...
पुलिस का कहना है कि निखिल टेकवानी से 13 अगस्त को 18 लोगों ने संपर्क किया था. ऐसे में पुलिस सभी पर निगाह बनाए हुए थी. अंतिम बार संपर्क आयुष मीणा ने किया था. ऐसे में उस पर भी नजर थी. हालांकि, आयुष को 15 अगस्त को पूछताछ के लिए पुलिस ने बुलाया था, लेकिन उसने किसी भी तरह कोई जानकारी होने से इनकार कर दिया. पुलिस का उस पर शक था. आयुष पहले भी निखिल टेकवानी से कई बार मोबाइल खरीद चुका था.