कोटा. MBS अस्पताल में किसी भी इंजेक्शन या दवा की चोरी नहीं हो, इसके लिए प्रबंधन ने फुलप्रूफ सिस्टम बनाया है. वर्तमान में अस्पताल में ज्यादातर ब्लैक फंगस (black fungus cases in Kota) के मरीज भर्ती हैं. जिनको महंगे एंफोटरइसिन बी इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं. ऐसे में इंजेक्शन चोरी न हो और मरीज के परिजन को शिकायत ना हो, इसके लिए थ्री टियर सिस्टम बनाया गया है.
शहर के एक निजी अस्पताल से कोविड-19 के मरीज केयर रेमेडेसीवीर इंजेक्शन चुरा लिए गए थे और उनकी जगह ग्लूकोज लगा दिया था. इसके बाद काफी हंगामा भी हुआ था. हालांकि, एमबीएस अस्पताल में इसको लेकर काफी फुलप्रूफ सिस्टम प्रबंधन ने बनाया है. पहले इंजेक्शन की शॉर्टेज बनी हुई थी लेकिन अभी काफी हद तक यह है कमी पूरी हुई है. लगातार मरीजों को इंजेक्शन मिल रहे हैं. इसके लिए एक इंजेक्शन की कीमत 7 हजार रुपए से ज्यादा है.
थ्री टियर सिस्टम, मरीज के परिजन को देते हैं इंजेक्शन
MBS अस्पताल के अधीक्षक डॉ. नवीन सक्सेना का कहना है कि अस्पताल में रेमेडेसिवीर (Remdesivir injection) और एफोटरइसिन बी इंजेक्शन को जारी करने की पूरी एक गाइडलाइन बनी हुई है. इन इंजेक्शनों की कालाबाजारी रोकने के लिए थ्री टियर सिस्टम बनाया हुआ है. जो चिकित्सक वार्ड में भर्ती मरीज को दवा लिखता है, वे सभी पर्चे अधीक्षक कार्यालय में आते हैं. यहां पर कमेटी के निर्देश पर एक शीट बनाई जाती है. उसमें मरीज और जितने इंजेक्शन उसको जारी होंगे, इसकी सूची रहती है.