कोटा.नगर विकास न्यास ने पिछली भाजपा सरकार के समय वर्ष 2017 में केशवपुरा फ्लाईओवर का कार्य शुरू किया था. इसे डेढ़ साल में पूरा हो जाना था, लेकिन 3 साल इसके कार्य को शुरू हुए पूरे हो गए हैं और अभी भी कार्य बचा हुआ है. इसके चलते यहां से गुजरने वाले हजारों लोगों को रोज परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
इस फ्लाईओवर का निर्माण 2017 सितंबर में शुरू हुआ था, जिसे फरवरी 2019 में पूरा हो जाना था. एक साल 5 महीने का समय इसको पूरा होने के लिए दिया था, लेकिन अभी भी 25 फीसदी काम इसका बचा हुआ है. तीन साल से ज्यादा समय निर्माण चलते हो गया है. हालांकि यूआईटी के अधिकारियों का कहना है कि इसके लिए तय की गई राशि 150 करोड़ थी, इससे भी कम में यह फ्लाईओवर बन रहा है. इसके निर्माण में समय जरूर ज्यादा लग गया है, लेकिन लागत काफी कम है.
3 लाख लोग हर महीने पेश करते हैं समस्या
दादाबाड़ी केशवपुरा फ्लाईओवर निर्माण के चलते दादाबाड़ी, जवाहर नगर, संतोषी नगर, केशवपुरा, तलवंडी, रंगबाड़ी व महावीर नगर जाने वाले लोगों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. अधिकांश लोगों के रास्ते डायवर्टेड हैं. यहां पर जो मार्केट है, वहां के व्यापारी भी परेशान हैं, क्योंकि उनकी दुकानों के सामने अब जगह नहीं बची है. संकरे रास्ते से ही वाहन गुजर रहे हैं. रोज करीब 10 हजार लोग इस पूरे रास्ते से गुजरते हैं, जोकि डेढ़ किलोमीटर से ज्यादा लंबा है. इसके अनुसार पूरे महीने में 3 लाख से ज्यादा लोग समस्या से ग्रसित होते हैं.
लोगों की जान भी जोखिम में है
क्षेत्रीय पार्षद रामबाबू सोनी का कहना है कि दादाबाड़ी-केशवपुरा फ्लाईओवर और की सुविधा तो पता नहीं कब मिलेगी, लेकिन अभी तो लोगों की जान जोखिम में डाल रहे हैं. स्थानीय नागरिकों का पेट्रोल का भी काफी खर्चा इस के चक्कर में हो रहा है. क्योंकि उन्हें घूम कर आना पड़ रहा है. रास्तों को डाइवर्ट का किया हुआ है. इसके कार्य की गति काफी धीमी चल रही है. अगले एक-दो साल भी ये तैयार नहीं होगा. इस तरह से काम किया जा रहा है.