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Kota Coaching Institutes Reopen: लौटी रौनक, बच्चे बोले फिर मिलेगा कम्पीटिशन...पूछे जाएंगे मेडिकल और इंजीनियरिंग एंट्रेंस के सवाल! - undefined

भारत के कोचिंग हब कहे जाने वाले कोटा में रौनक लौटती दिखी आज. कोचिंग संस्थानों के खुलने के साथ ही मेडिकल और इंजीनयरिंग के लिए जी तोड़ मेहनत करने वाले बच्चों का चेहरा भी दमक उठा. काबिलियत के बल पर खुद को साबित करने के मंसूबे के साथ प्रतियोगी छात्र भविष्य को लेकर आशान्वित हैं. इन्हें ऑनलाइन के मुकाबले ऑफलाइन से ज्यादा उम्मीदे हैं.

Kota Coaching Institutes Reopen
kota में लौटी रौनक

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Published : Sep 1, 2021, 11:35 AM IST

कोटा: शिक्षा की काशी कोटा की कोचिंग संस्थान भी फिर से खुल गए हैं. इनके परिसरों में सैकड़ों बैच दोबारा से शुरू हो गए. जिनमें पढ़ने हजारों बच्चे कोटा पहुंच गए हैं और यह पहुंचने का क्रम लगातार अभी भी जारी है. क्योंकि बच्चों के बैच इस पूरे महीने के आखिर तक के बनाए गए हैं. दूसरी तरफ स्टूडेंट्स और फैकल्टी काफी खुश नजर आ रहे हैं. छात्रों ने कहा कि जो ऑनलाइन कोचिंग के दौरान उन्हें असुविधा हो रही थी, अब उसका निदान ऑफलाइन कोचिंग में हो गया है.

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प्रदेश में राज्य सरकार के निर्देश पर आज से शिक्षण संस्थाएं फिर से खुल गई है.फैकल्टी का कहना है कि बच्चों के परिणाम और मेडिकल इंजीनियरिंग प्रवेश के लिए ऑफलाइन पढ़ाई काफी ज्यादा महत्वपूर्ण रहती है. इसमें बच्चों के डाउट्स समय पर ही क्लियर हो जाते हैं. इधर, कोटा के जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों ने आश्वस्त किया है कि कोटा में इस बार जो बच्चे आएंगे उनका पूरा ध्यान परिवार की तरह रखा जाएगा.

इस बार 60 हजार से ज्यादा बच्चों के आने की उम्मीद
कोटा में मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए छात्र पूरे देश से छोटा पहुंचे हैं. अधिकांश छात्र बिहार और यूपी से यहां पर आते हैं. इस बार भी उम्मीद है कि करीब 60,000 से ज्यादा विद्यार्थी कोटा आएंगे. कोटा के 10 बड़े कोचिंग संस्थानों में 20 हजार से ज्यादा बच्चे पहुंच गए हैं.

लौटेगी कोचिंग एरिया की रौनक
बच्चों के वापस आने का बाद कोचिंग सिटी कोटा में रौनक लौटेगी. यहां के कोचिंग इंस्टीट्यूट, हॉस्टल्स, मेस और मॉल्स में हलचल बढ़ गई है. जो व्यापार बीते 17 महीने से ठप पड़े हुए थे, अब वह शुरू हो सकेंगे. इस हब से कई और रोजगार फलते फूलते हैं. संस्थानों पर लटके ताले की वजह से उनकी रोजी रोटी पर भी आफत थी. सो अब उन्होंने राहत की सांस ली है. राज्य सरकार की एसओपी (SOP) की पालना के साथ ही कोचिंग संस्थानों में प्रवेश करवाया जा रहा है. जिसमें कोचिंग, हॉस्टल और मैस में पूरे प्रबंध किए गए हैं.

कोचिंग इंस्टीट्यूट में जहां क्लासरूम में स्टूडेंट्स के बैठने के लिए मार्किंग की गई है, वहीं फुट स्टीकर के माध्यम से स्टूडेंट्स को चलते समय सोशल डिस्टेंसिंग रखने का संदेश दिया जा रहा है. जो भी स्टूडेंट दूसरे राज्यों से आएंगे, उनके वैक्सीन नहीं लगी है, तो उनके भी वैक्सीन समय से लगवाने के प्रयास किए जा रहे हैं.

अल्ट्रावायलेट सेनेटाइज्ड क्लासरूम, वैक्सीन की अनिवार्यता
एंट्री प्वाइंट पर सैनेटाइजेशन, तापमान लेने की व्यवस्थाएं की गई है. क्लास में भी पूरी तरह से सोशल डिस्टेंसिंग बनाई जा रही है. सरकार के निर्देश से बैच की क्षमता आधी कर दी है. जहां पर करीब 100 बच्चे क्लास में होते थे, अब यह संख्या 50 से भी कम है. सैनिटाइजेशन की व्यवस्था भी की गई है. फैकल्टी के साथ-साथ मैस व हॉस्टल संचालक व कार्मिकों के वैक्सीन लगवा दी गई है. लोकल फुटकर व्यापारी और कोचिंग एरिया के चाय थड़ी से लेकर स्ट्रीट फूड वेंडर को भी एक डोज वैक्सीन नियम लागू किया है.

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