कोटा.भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने तीन अलग-अलग मामलों में 8 लोगों के खिलाफ रिश्वत मांगने का मुकदमा दर्ज किया है. इनमें एक मामला कोटा शहर के विज्ञान नगर थाने का है, दूसरा बारां जिले के अंता आने का है और तीसरा बूंदी जिले के केशवरायपाटन एसबीआई बैंक का है. इस मामले में एक एसएचओ, एसआई, एएसआई, हेड कांस्टेबल, दो वकील और संविदा बैंक कार्मिक एसीबी के हत्थे आए हैं.
इन आरोपियों के खिलाफ एसीबी मुख्यालय ने मुकदमा दर्ज किया है. तीनों मामलों में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने परिवादी की शिकायत पर रिश्वत मांग का सत्यापन कराया था. जिसमें सत्यापन हो गया था, लेकिन ट्रैप नहीं हो पाया. ऐसे में सत्यापन के आधार पर ही मुकदमे दर्ज किए गए हैं.
जमीन से कब्जा छुड़ाने के एवज में मांगी थी 50 हजार की रिश्वत
पहला मामला बारां जिले के अंता का है. यहां पर परिवादी महेंद्र कुमार व सह परिवादी रविशंकर ने 2 नवंबर 2019 को एसीबी को शिकायत दी थी कि पलायथा में उसके पास 2 बीघा जमीन है, जो उसने बालमुकुंद से खरीदी थी. जिसमें चचेरे भाइयों ने उक्त जमीन पर कब्जा किया हुआ है और फसल भी की हुई है. साथ ही मारपीट कर जान से मारने की धमकी दी जा रही है. इस संबंध में उसने अंता थाने में संपर्क किया, जहां पर कांस्टेबल रवि विश्नोई ने रवि शंकर को अलग से बुलाकर कहा कि सीआई उमेश मेनारिया ने 50 हजार रुपए की मांग जमीन से कब्जा छुड़ाने की एवज में की है.
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इसके लिए एसीबी कोटा की टीम ने 4 बार ट्रैप का प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो पाए. क्योंकि आरोपी काफी शातिर थे और पुलिस में होने के चलते रिश्वत की राशि लेकर अलग-अलग स्थानों पर बुलाने लगे, जिससे ट्रैप संभव नहीं हो सका. इस मामले में आरोपी अंता थाना अधिकारी उमेश मेनारिया, कांस्टेबल रवि बिश्नोई, वकील भगवान दाधीच के बीच रिश्वत मांग का सत्यापन हो गया था. साथ ही 9 नवंबर को भ्रष्टाचार के मामले में निलंबित चल रहे सहायक उप निरीक्षक बृज बिहारी से भी रिश्वत के संबंध में परिवादी रविशंकर की वार्ता हुई है. ऐसे में चारों के खिलाफ एसीबी ने प्रकरण दर्ज कर लिया है.