कोटा. एसीबी की टीम ने कार्रवाई करते हुए शहर पुलिस में तैनात सहायक उपनिरीक्षक गोविंद सिंह को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. यह रिश्वत की राशि उन्होंने परिवादी का नाम मुकदमे में नहीं जोड़ने और गिरफ्तार नहीं करने की एवज में ली थी. आरोपी एएसआई रेलवे कॉलोनी थाने में तैनात था.
जानकारी के अनुसार भीमगंजमंडी निवासी टीपू ने एसीबी को परिवाद पेश किया था कि उसके दोस्त जुनैद के खिलाफ रेलवे कॉलोनी थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है. जिसकी जांच सहायक उप निरीक्षक गोविंद सिंह कर रहे हैं. एएसआई गोविंद सिंह टीपू और उसके दोस्त रवि अरोड़ा का नाम मुकदमे में नहीं होने के बाद भी दोनों को गिरफ्तार करने की धमकी दे रहे हैं और जुनैद को थाने पर लेकर आने का दवाब बना रहे हैं. साथ ही इसकी एवज में 50 हजार रुपए की मांग कर रहे हैं.
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शिकायत के बाद एसीबी के अधिकारियों ने रिश्वत की मांग का सत्यापन कराया, जिसमें आरोपी रिश्वतखोर एएसआई गोविंद सिंह 20 हजार रुपए की रिश्वत लेने के लिए तैयार हो गया. गुरुवार को बोरखेड़ा थाना इलाके में एक प्रॉपर्टी की शॉप पर उसने परिवादी को बुलाया, जहां पर परिवादी रिश्वत देकर आया और एसीबी की टीम को इशारा कर दिया. इसके बाद एसीबी की टीम ने 20 हजार रुपए रिश्वत की राशि के साथ ही प्रॉपर्टी डीलर शॉप से एएसआई गोविंद सिंह को गिरफ्तार कर लिया.
हालांकि, जिस दुकान पर कार्रवाई हुई है वहां पर सीसीटीवी कैमरा लगे होने की बात सामने आ रही है. कैमरे की डीवीआर को भी एसीबी के अधिकारियों ने जब्त किया है, लेकिन मीडिया के सामने एसीबी के अधिकारी ऐसी किसी भी रिकॉर्डिंग या डीवीआर की बात से इंकार कर रहे हैं.
कार्रवाई की बात छुपाते रहे अधिकारी
इस मामले में काफी समय तक एसीबी के अधिकारी मामले को छुपाते रहे. यहां तक कि आरोपी रिश्वतखोर एएसआई गोविंद सिंह को भी मीडिया के सामने नहीं लेकर आ रहे थे. बाद में उच्चाधिकारियों से संपर्क करने के बाद एसीबी अधिकारियों ने आरोपी रिश्वतखोर एएसआई गोविंद सिंह को मीडिया के सामने लेकर आए.