कोटा/बूंदी.भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कोटा (Kota ACB Action) की टीम ने बूंदी में आबकारी विभाग के निरीक्षक को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार (ACB Action In Bundi) किया है. हालांकि इस मामले में आबकारी निरीक्षक की गाड़ी को चलाने वाला निजी ड्राइवर रिश्वत की राशि को लेकर फरार हो गया है. जिसकी पड़ताल एसीबी की टीम पूरी रात करती रही. लेकिन ड्राइवर का पता नहीं लग पाया. यह रिश्वत की राशि मासिक बंदी और आबकारी दुकान के केस को रफा-दफा करने की एवज में ली गई थी.
परिवादी के आग्रह पर 5 हजार वापस लौटा दिए :कोटा एसीबी (Kota ACB Action) के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ठाकुर चंद्रशील कुमार ने बताया कि परिवादी आशीष मयंक की तरफ से शिकायत दी गई थी. मयंक ने बताया कि मेरे पार्टनर भरत कोठारी की शराब दुकान बूंदी जिले के हिंडोली तहसील के टीकरदा गांव में है. जिसका निरीक्षण आबकारी बूंदी के डीओसीआई विनोद शर्मा ने अन्य स्टाफ के साथ 27 जनवरी को किया था. सीआई विनोद शर्मा 6 पेटियां शराब की दुकान से ले गए.
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मुझे और सेल्समैन हंसराज गुर्जर को झूठे केस में फंसाने की एवज में रिश्वत की मांग की. जिसमें इस केस के लिए 25 हजार रुपए और मासिक बंदी के 6000 प्रतिमाह देने की मांग की गई. शिकायत का गोपनीय सत्यापन 2 फरवरी 2022 को करवाया गया, जिसमें आरोपी से 25 हजार रुपए की रिश्वत मांग की बात सत्यापित हो गई. 4 फरवरी 2022 को बूंदी कृषि उपज मंडी के पास परिवादी से 25 हजार रुपए प्राप्त किए और अनुरोध पर 5 हजार रुपए वापस लौटा दिए.
ड्राइवर को दे दी रिश्वत की राशि और तंग गलियों में हो गया फरार :रिश्वत की राशि लेने के बाद आबकारी निरीक्षक विनोद कुमार शर्मा को परिवादी पर शक हो गया. ऐसे में वह अपने सरकारी वाहन को तेज गति से भगाते हुए बूंदी कस्बे की घनी आबादी में ले गया. इसका पीछा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम करती रही, लेकिन विनोद शर्मा ने रिश्वत की राशि अपने सरकारी वाहन के निजी चालक बूंदी बाईपास रोड घसियारा मोहल्ला निवासी फराजुद्दीन को दे दी. फराजुद्दीन भी इस सरकारी गाड़ी को मोड़ी बस्ती पाड़ा बूंदी में छोड़कर तंग गलियों से फरार हो गया. बाद में विनोद कुमार शर्मा को एसीबी (ACB Arrested The Excise Inspector In Bundi) की टीम ने डिटेन कर लिया.
सरकारी गाड़ी और निरीक्षक के हाथ में मौजूद रिश्वत लेने के सबूत :भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Kota ACB Action In Bundi) के अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में भ्रष्ट विनोद शर्मा के खिलाफ पूरे सबूत मौजूद हैं. रिश्वत मांगने का पूरा सत्यापन इस मामले में हुआ है. वहीं विनोद कुमार शर्मा के दोनों हाथों और गाड़ी में मध्य सीट पर जहां उन्होंने रिश्वत की राशि रखी थी, रिश्वत के नोटों पर लगाए हुए केमिकल को धोने का गुलाबी रंग आ गया है.
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एसीबी के अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही फराजुद्दीन को भी पकड़ लिया जाएगा. इस पूरे ट्रेप कार्रवाई को अंजाम एसीबी के निरीक्षक नरेश चौहान की टीम ने दिया है. इसमें दिलीप सिंह, मुकेश सैनी, नरेंद्र सिंह, भरत सिंह, मोहम्मद खालिक, देवेंद्र सिंह, मनोज कुमार, योगेंद्र सिंह और हेमंत सिंह शामिल थे.