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Kamal Lodha Death Case: 22 घंटे बाद बनी सहमति, उठाया शव...CI समेत 4 सस्पेंड तो पूरा थाना लाइन हाजिर - राजस्थान हिंदी खबर

कोटा में पुलिस हिरासत में कमल लोधा की मौत के मामले में 22 घंटे बाद परिजन युवक का शव उठाने के लिए राजी हो गए. परिजनों को 8 लाख रुपए की आर्थिक मदद भी दी गई है.

Kamal Lodha Death Row
सीआई समेत 4 सस्पेंड, पूरा थाना लाइन हाजिर

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Published : Sep 23, 2021, 12:56 PM IST

Updated : Sep 24, 2021, 12:42 PM IST

कोटा:नयापुरा थाने में हुई कमल लोधा की हिरासत में संदिग्ध मौत के मामले में 22 घंटे बाद पटाक्षेप हो गया है और परिजन उसके शव को लेने के लिए तैयार हो गए हैं. इसका मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम न्यायिक अधिकारियों की उपस्थिति में हुआ. जिसके बाद परिजनों को शव सुपुर्द कर दिया गया है. साथ ही उन्हें 8 लाख रुपए की आर्थिक मदद भी दी गई है. जिसमें से छह लाख नकद और 2 लाख रुपए का चेक जिला प्रशासन की तरफ से उपलब्ध कराया जाएगा.

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नयापुरा थाने के बाहर बनी हुई थी और लोधा समाज के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल भी मौजूद रहे. घंटों चले इस मामले में दिनभर पुलिस और प्रशासन के साथ-साथ कांग्रेस सरकार के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की जा रही थी. इस मामले में प्रशासनिक अधिकारियों ने धरने पर आकर सहमति जताई. जिसके बाद ही इस मामले का पटाक्षेप हुआ है.

पूरा थाना लाइन हाजिर

पूरे मामले पर एसडीएम दीपक मित्तल ने माइक पर घोषणा करते हुए कहा है कि जिला प्रशासन ने आठ लाख की आर्थिक मदद कर दी है. जिसमें से छह लाख की राशि दे दी गई है. वहीं, दो लाख की राशि एक-दो दिन में दे दी जाएगी. उसके साथ ही मृतक कमल लोधा की पत्नी को नगर निगम या यूआईटी में संविदा के तौर पर नियुक्त कर दिया जाएगा. साथ ही उसे स्थाई करने के लिए भी जिला कलेक्टर खुद पत्र सरकार को लिखेंगे.

मामले पर बोलते हुए पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने कहा कि न्यायिक जांच इस मामले में चल रही है और हमें न्यायिक जांच पर पूरा भरोसा है. ऐसे में मृतक कमल लोधा के शरीर पर चोटों के निशान है. उनके आधार पर हत्या का प्रकरण जरूर दर्ज होगा. उन्होंने कहा कि हमारी मांग पर नयापुरा थाने को लाइन हाजिर कर दिया गया है. साथ ही एसएचओ समेत चार लोगों पर भी कार्रवाई हुई है, उन्हें निलंबित किया है.

प्रहलाद गुंजल ने यह भी कहा कि मृतक कमल लोधा के दो बच्चियां है. जिन का पालनहार योजना में नाम जोड़ा जाएगा. साथ ही मृतक के परिवार में कोई भी कमाने वाला नहीं था. ऐसे में मृतक की पत्नी और मां दोनों की विधवा पेंशन शुरू करवाई जाएगी. इसके अलावा उसके बुजुर्ग दादा-दादी भी हैं. जिनकी भी पेंशन शुरू करवाने पर सहमति बनी है.

पूरा थाना लाइन हाजिर

इस मामले में बढ़ते आक्रोश को देखते हुए नयापुरा थाना अधिकारी मुकेश मीणा को निलंबित कर दिया गया है. वहीं थाने में तैनात करीब 35 से ज्यादा पुलिस कार्मिकों को लाइन हाजिर (Line Hajir) किया गया है. इसके साथ ही ड्यूटी ऑफिसर सब इंस्पेक्टर दुर्गाशंकर, संतरी मंजू और तहरीर करने वाले पुलिस कार्मिक धनराज को निलंबित कर दिया है. साथ ही थाने के करीब 35 से ज्यादा पुलिस कार्मिकों को लाइन हाजिर किया गया है.

22 घंटे बाद परिजनों ने उठाया कमल लोधा का शव

लोगों की मांग है कि मृतक कमल लोधा के परिजनों को मुआवजा दिया जाए और पुलिस कार्मिकों (Policemen) के ऊपर हत्या का प्रकरण दर्ज किया जाए. इस मामले को लेकर गहमागहमी जारी है. काफी संख्या में लोग मौजूद हैं और धरनास्थल पर टेंट लगा देने के चलते रास्ता भी अवरुद्ध हो गया है. जिससे कि बस स्टैंड से एमबीएस अस्पताल (MBS) जाने वाला मार्ग बंद है.

क्या हुआ था?

नयापुरा मस्जिद चौक में रहने वाले रवि और उसके मामा के लड़के कमल लोधा के बीच सामान्य कहासुनी हो गई थी, बात मारपीट तक भी पहुंची. इसके बाद रवि में नयापुरा थाने में जाकर सूचना दी. जिसके बाद नयापुरा थाने से 2 पुलिसकर्मी शाम 4 बजे बाइक पर कमल लोधा को बैठा कर ले कर आए.

मां से पुलिस बोली- अस्पताल में है लाश

रिश्तेदार सुरेश लोधा का कहना है कि पुलिसकर्मी उसे मारते हुए थाने लेकर पहुंचे. फिर थाने पर पता नहीं उसके साथ में कितनी मारपीट की गई है. शाम को कमल की मां जब 6 बजे थाने पर पहुंची, तब पुलिस ने उसके मरने की बात कही. साथ ही कहा कि वह एमबीएस अस्पताल (MBS Hospital) चली जाए, जहां पर उसके बेटे की लाश है. पुलिस का कहना है कि युवक ने अपने शर्ट से फांसी लगाकर जान दे दी. कमल लोधा ड्राइवर के असिस्टेंट के रूप में काम करता था. पहले से भी उसके खिलाफ कुछ मुकदमे नयापुरा थाने में दर्ज है.

कोटा: पुलिस हिरासत में युवक की संदिग्ध मौत, एमबीएस अस्पताल और थाने के बाहर हुआ हंगामा

हुआ जबरदस्त हंगामा

कमल लोधा की मौत की सूचना जैसे ही मस्जिद चौक इलाके में पहुंची सैकड़ों की संख्या में लोग थाने के बाहर आ गए और पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे. लोगों ने सड़क पर लगे हुए बैरिकेड्स भी गिरा दिया और काफी देर तक थाने के बाहर गहमागहमी जैसा माहौल बना रहा. इसके अलावा घटना कि सूचना मिलने पर कोटा शहर एसपी डॉ. विकास पाठक भी एमबीएस अस्पताल पहुंचे और उन्होंने भी परिजनों से बातचीत की है.

मामले पर राजनीति- मुआवजे की मांग

पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल (Prahalad Gunjal) ने इस मामले में कमान संभाल ली है. वे लगातार ही पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते रहे. (22 सितंबर) बुधवार देर रात 3:00 बजे तक धरना स्थल पर मौजूद थे. इसके बाद में वह लौट गए और सुबह जल्दी ही वापस धरना स्थल पर आ गए. पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल का कहना है कि जब तक 20 लाख रुपए परिजनों को मुआवजे के रूप में नहीं दिए जाते तब तक कि वह धरना नहीं खत्म करेंगे. यहां तक कि पोस्टमार्टम भी नहीं करवाएंगे. धरना स्थल पर प्रदेश सरकार और कांग्रेस के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी हो रही है.

राजस्थान राज्य मानव अधिकार आयोग ने लिया संज्ञान

इस मामले को राजस्थान राज्य मानव अधिकार आयोग ने गंभीरता से लेते हुए इस पर संज्ञान लिया है. आयोग अध्यक्ष गोपालकृष्ण व्यास ने इस मामले में आईजी रेंज कोटा और पुलिस अधीक्षक कोटा को निर्देश दिए हैं कि वे संपूर्ण घटना की तथ्यात्मक रिपोर्ट 7 दिन में आयोग को प्रस्तुत करें.

Last Updated : Sep 24, 2021, 12:42 PM IST

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