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पुलिस से मारपीट के 5 साल पुराने मामले में विधायक चंद्रकांता मेघवाल के पति नरेन्द्र पाल को जेल - Court decision in 5 year old police assault case

पुलिस की तरफ से बीजेपी कार्यकर्ताओं और नेताओं पर दर्ज कराए गए 5 साल पुराने मामले में सोमवार को न्यायालय में चालान पेश किया गया. अदालत ने विधायक चंद्रकांता मेघवाल सहित अन्य आरोपियों की जमानत अर्जी पर सुनवाई की. इसमें 8 आरोपियों को जमानत दे दी गई, जबकि चंद्रकांता मेघवाल के पति नरेंद्र पाल वर्मा को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया (Court sent MLA husband to jail in Kota) गया.

Juridical custody to Chandrakanta Meghwal husband Narenda Paul Verma
पुलिस से मारपीट के 5 साल पुराने मामले में विधायक चंद्रकांता मेघवाल के पति नरेन्द्र पाल को जेल

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Published : Jun 27, 2022, 4:55 PM IST

Updated : Jun 27, 2022, 11:14 PM IST

कोटा.महावीर नगर थाने में 5 साल पहले बीजेपी कार्यकर्ता और पुलिस के बीच हुए विवाद के मामले में आज महावीर नगर थाना पुलिस ने चालान पेश किया. इस मामले में विधायक चंद्रकांता मेघवाल सहित अन्य 9 आरोपियों को पेश होने के लिए न्यायालय ने निर्देशित किया था. जिसके बाद सोमवार को वे कोर्ट में पेश हुए, लेकिन 8 आरोपियों को तो जमानत दे दी गई. हालांकि इस मामले में विधायक चंद्रकांता मेघवाल के पति नरेंद्र पाल वर्मा को 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया (Juridical custody to Chandrakanta Meghwal husband) है.

वर्ष 2017 में दर्ज हुए मामले में सीआईडी-सीबी ने हाल ही में अनुसंधान पूरा किया और कोटा शहर की महावीर नगर थाना पुलिस को यह पत्रावली भेजी गई थी. जिस पर चालान पेश करने के लिए निर्देशित किया गया था. इस मामले में सुबह 11:30 बजे पुलिस ने चालान पेश किया. मामले में पहले से आरोपी अंतरिम जमानत पर चल रहे थे. ऐसे में सोमवार को सभी आरोपियों की जमानत अर्जी भी दाखिल की गई थी. इसके बाद न्यायालय ने पहले दोपहर 2:00 बजे सुनवाई की. इसके बाद 3:15 बजे बुलाया गया. जिसमें विधायक के पति नरेंद्र पाल वर्मा को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया. उन्हें 14 दिन की जेसी की गई है. जबकि इस मामले में अन्य आरोपी चंद्रकांता मेघवाल, अमित दाधीच, मृगेंद्र सिंह, सुरेंद्र कुमावत, अमित शर्मा, सत्यनारायण नागर, बाबूलाल रेनवाल व किशोर सिंह की जमानत अर्जी स्वीकार कर ली है.

विधायक चंद्रकांता मेघवाल के पति नरेन्द्र पाल को जेल.

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उपचार और मेडिकल मुआयना की तहरीर जारी की: इस मामले में पुलिस ने 290 पेज का चालान पेश किया है. दूसरी तरफ चंद्रकांता मेघवाल के वकील राजेश अड़सेला ने एसीजेएम क्रम संख्या 6 में नरेंद्र पाल मेघवाल के हाई बीपी और हृदय रोग से पीड़ित होने के संबंध में अर्जी दाखिल की है. जिसमें उपचार चलने की बात कही है. साथ ही कहा कि नियमित रूप से उनका स्वास्थ्य परीक्षण होना चाहिए. ऐसे में किसी भी तरह की अनहोनी घटना के लिए मेडिकल मुआयना करवाया जाना और जरूरी है. इस पर न्यायालय ने जेल अधीक्षक को निर्देशित किया है कि स्वास्थ्य परीक्षण और नियमित रूप से उपचार करवाने के लिए तहरीर जारी की है.

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अन्य आरोपियों से अलग माने हैं आरोप:इस प्रकरण में जिला एवं सत्र न्यायालय में नरेंद्र पाल वर्मा की जमानत के लिए अर्जी दाखिल की जाएगी. इसके साथ ही एडवोकेट अड़सेला ने बताया कि जमानत आदेश की प्रतिलिपि समय से नहीं मिली है. इसके चलते आज जमानत का प्रार्थना पत्र जिला एवं सत्र न्यायालय में पेश नहीं किया जा सका. ऐसे में मंगलवार को इस जमानत अर्जी पेश की जाएगी. आरोपपत्र में जो साक्ष्य दिए गए हैं, उसमें नरेंद्रपाल मेघवाल पर जो आरोप लगे हैं वे अन्य अभियुक्तों से ज्यादा गंभीर माने गए हैं. ऐसे में उन्हें जमानत का लाभ नहीं दिया गया है. जबकि अन्य को 50 हजार रुपए के निजी मुचलके और 25-25 हजार रुपए के दो जमानत पेश करने पर रिहा करने आदेश दिए है.

भावुक हुई विधायक, कहा- मामले में सीबीआई जांच हो: इस मामले में जमानत अर्जी खारिज होने के बाद जैसे ही चंद्रकांता मेघवाल व अन्य लोग बाहर आए. विधायक मेघवाल भावुक हो गईं और उनकी आंखे नम हो गईं. चंद्रकांता मेघवाल ने इस मामले में कहा कि उन्हें न्याय पर पूरा भरोसा था. इस मामले में उनकी सीबीआई जांच की मांग है. कार्यकर्ताओं को भी चोटें आई थी और उनके फैक्चर हुए थे. कार्यकर्ताओं के सिर फट गए थे और रॉड भी डली थी, लेकिन पुलिस ने इस प्रकरण में एफआर लगा दी. यह पूरा मामला राजनीति से प्रेरित है. न्यायालय के निर्देश की पालना की जाएगी. यह पीड़ा मैंने, कार्यकर्ताओं और मेरे परिवार ने झेली है. ऐसी पीड़ा किसी और को नहीं मिले. हम निश्चित तौर पर इस पूरे मामले में हाईकोर्ट में जाएंगे.

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सीआईडी सीबी ने की थी इस पूरे मामले की जांच: यह मुकदमा तत्कालीन एसएचओ श्रीराम बडेसरा ने 20 फरवरी, 2017 में दर्ज करवाया था. जिसमें बताया था कि कुछ कार्यकर्ताओं को छुड़वाने के लिए तत्कालीन रामगंजमंडी की विधायक चंद्रकांता मेघवाल व उनके पति नरेंद्रपाल वर्मा सहित 50 से 60 अन्य कार्यकर्ता भी थाने पर आए थे. यहां पर उन्होंने सीआई श्रीराम बडेसरा के साथ मारपीट कर दी. इसके अलावा अन्य पुलिसकर्मियों से भी दुर्व्यवहार और बदतमीजी की थी. यहां तक कि ऐसे चोर श्रीराम बडेसरा के चांटा भी नरेंद्रपाल वर्मा ने मार दिया था. इस पूरे प्रकरण की जांच सीआईडी सीबी कोटा की तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मिताली गर्ग ने किया था. उन्हें आईजी क्राइम जयपुर के आदेश से यह जांच की गई थी.

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जानें क्या है मामला: भारतीय जनता पार्टी के शासन में साल 2017 में महावीर नगर थाने में हंगामा हुआ था. पुलिस ने चालान के मुद्दे पर कुछ लोगों को पकड़ा था. यह भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता थे. इनको छुड़वाने के लिए विधायक चंद्रकांता मेघवाल और उनके पति नरेंद्र मेघवाल गए थे. जहां पर पुलिस से बहस हो गई और आपस में ही यह लोग उलझ गए थे. इसको लेकर काफी हंगामा हुआ था. पुलिस ने चंद्रकांता मेघवाल और उनके पति सहित अन्य लोगों पर राजकार्य में बाधा, मारपीट, लोकसेवक को धमकाने व अन्य धाराओं में मुकदमें दर्ज किए थे.

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पूर्व गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया की बताई थी गलती:राज्यसभा चुनाव के पहले इस मामले में चंद्रकांता मेघवाल और उनके पति के खिलाफ 41ए के मामले में पुलिस ने नोटिस जारी किया था. यह गिरफ्तारी के पूर्व का नोटिस होता है. इस मामले में मीडिया से नरेंद्रपाल मेघवाल ने कहा था कि हमारी तरफ से अलग-अलग धारा 3 के मुकदमे दर्ज करवाए गए थे. इसके अलावा एक मुकदमा तत्कालीन मंडल अध्यक्ष बाबूलाल रेनवाल ने दर्ज करवाया था. यह पुलिस के खिलाफ थे. विधायक के मुकदमे में न्यायालय में 164 के बयान होने के बाद भी एफआर लग गई है. यह मामला सीआईडी सीबी में दर्ज था. सीआईडी सीबी के मामले में हेड ऑफ डिपार्टमेंट ही अनुमति देता है. उसके बाद ही एफआर या चालान पेश होती है. ऐसे में तत्कालीन गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने बहुत बड़ी गलती की थी. उन्होंने पुलिस का पक्ष लिया है. इस एफआर की स्वीकृति पर तत्कालीन गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया के हस्ताक्षर हैं. जबकि पुलिस के मामले अभी भी चल रहे हैं. उन्हीं के मामलों में गिरफ्तारी की नौबत आ गई है.

Last Updated : Jun 27, 2022, 11:14 PM IST

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