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JEE MAIN 2021 : कोटा के एक्सपर्ट बोले- एक्जाम को लेकर पूर्वाग्रह नहीं हों विद्यार्थी, टाइम-स्लॉट के अनुसार 'बायोलॉजिकल-क्लॉक' को करें एडजस्ट - JEE MAIN 2021

इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई मेन के चतुर्थ व अंतिम चरण का आयोजन 26 अगस्त से है. ऐसे मौकों पर अपने अच्छा प्रदर्शन को लेकर विद्यार्थी अनावश्यक दबाव व तनाव लेते हैं. ऐसे में नॉलेज होने के बावजूद कई गलतियां कर अपनी परफॉर्मेंस खराब कर लेते हैं. विद्यार्थियों से आग्रह है कि अंतिम समय में कुछ भी नया करने का नहीं सोचें. विषय विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में जिस स्ट्रेटजी पर आप काम करते आए हैं. उसी स्ट्रेटजी से काम करते हुए प्रश्न-पत्र को हल करें.

JEE MAIN 2021
जेईई मेन परीक्षा 2021

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Published : Aug 23, 2021, 3:32 PM IST

कोटा. देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई मेन के चतुर्थ व अंतिम चरण का आयोजन 26 अगस्त से है. प्रवेश परीक्षा के नियमानुसार चारों चरणों में विद्यार्थी के बेस्ट परफॉर्मेंस के आधार पर जेईई मेन की मेरिट सूची घोषित की जाएगी.

इस मेरिट सूची के आधार पर लगभग डेढ़ लाख विद्यार्थी जेईई एडवांस्ड के लिए पात्र घोषित किए जाएंगे. इसी मेरिट सूची के आधार पर देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थानों एनआईटी, ट्रिपल-आईटी, सेंट्रल फंडेड टेक्निकल इंस्टिट्यूट की इंजीनियरिंग यूजी, डुएल डिग्री व इंटीग्रेटेड पीजी सीटों पर प्रवेश दिया जाएगा. ऐसे में विद्यार्थियों के लिए यह चतुर्थ व अंतिम चरण अत्यंत महत्वपूर्ण है.

कोटा एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि ऐसे महत्वपूर्ण मौकों पर अपने अच्छा प्रदर्शन को लेकर विद्यार्थी अनावश्यक दबाव व तनाव लेते हैं. ऐसे में नॉलेज होने के बावजूद कई गलतियां कर अपनी परफॉर्मेंस खराब कर लेते हैं. इस समय किसी भी तरह के पूर्वाग्रह नहीं हो. प्रश्न-पत्र में किस विषय के प्रश्न कठिन होंगे, किस विषय के प्रश्न आसान होंगे? अंतिम चरण है, तो क्या एनटीए ने प्रश्नपत्र जानबूझकर 'टफ' बनाया गया होगा? इस वर्ष कट ऑफ बढ़ेगी या घटेगी? इस तरह के तमाम प्रश्न या तो विद्यार्थी भूलवश स्वयं सोचने लगता है या फिर सोशल मीडिया पर चल रही तमाम तरह की चर्चा इस प्रकार सोचने के लिए मजबूर कर देती है.

यह समय सकारात्मकता के साथ गहराई से यह सोचने का है कि जो होगा, अच्छा ही होगा. यह समय स्वयं पर भरोसा रखने का है. विद्यार्थियों को वर्तमान समय में सालभर की गई तैयारी पर ही भरोसा व विश्वास रखना है. यह प्रतियोगी परीक्षाएं हैं, प्रश्न पत्र सभी के लिए कठिन होगा और अगर आसान होता है तो सभी के लिए भी आसान होगा. विद्यार्थियों से आग्रह है कि अंतिम समय में कुछ भी नया करने का नहीं सोचें. विषय विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में जिस स्ट्रेटजी पर आप काम करते आए हैं.

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उसी स्ट्रैटेजी से काम करते हुए प्रश्न-पत्र को हल करें. अंतिम समय में विद्यार्थियों को नए-प्रश्न हल करने की आवश्यकता नहीं है. इस समय सिर्फ क्लास-नोट्स पर फोकस करें एवं संबंधित फार्मूले लिखते रहें. प्रश्न-पत्र तथा विषय वस्तु संबंधित कोई चर्चा अपने सहपाठियों से नहीं करें. हो सकता है सहपाठियों से चर्चा के दौरान विषय-वस्तु से संबंधित कोई बिंदु आपको विचलित कर दे. अभिभावकों से आग्रह है कि विद्यार्थियों को इस समय अकेला नहीं छोड़ें तथा बीच-बीच में उनसे हल्की फुल्की बातें करते रहें. देव शर्मा ने बताया कि विद्यार्थियों को एडमिट-कार्ड से परीक्षा के टाइम स्लॉट का पता चल चुका है. ऐसे में इस टाइम स्लॉट के दौरान पूरे 3 घंटे अपने आप को ऊर्जावान रखें और अपनी बायोलॉजिकल क्लॉक परीक्षा के टाइम स्लॉट के अनुसार एडजस्ट कर लें.

देव शर्मा ने बताया कि जेईई मेन प्रवेश परीक्षा में इंडिविजुअल सब्जेक्ट कटऑफ का नियम लागू नहीं होता है. ऐसे में यदि किसी विद्यार्थी का कोई सब्जेक्ट कमजोर है, तो परेशान होने की आवश्यकता नहीं है. अनावश्यक तौर पर उस कमजोर सब्जेक्ट के अधिक प्रश्नों को हल करने में नहीं उलझे विद्यार्थी, जबकि अन्य सब्जेक्ट्स के प्रश्नों को ध्यानपूर्वक हल करने की कोशिश करें. देव शर्मा ने बताया कि आवश्यकता पड़ने पर विद्यार्थी परीक्षा के दौरान प्रश्नों को हल करने के लिए अतिरिक्त रफ शीट्स मांग सकते हैं. संबंधित एग्जाम इनविजीलेटर तुरंत प्रभाव से इन्हें उपलब्ध करवा देते हैं.

विशेष ध्यान रखने योग्य तथ्य है कि परीक्षा समाप्ति के बाद परीक्षा केंद्र छोड़ने से पूर्व विद्यार्थी एडमिट कार्ड व रफ शीट्स को ड्रॉप-बॉक्स में ड्रॉप करना नहीं भूलें. यह जरूरी है, अन्यथा नियमानुसार विद्यार्थी को परीक्षा से डिसक्वालीफाई घोषित किया जा सकता है.

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