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कोटा : श्रीजी अस्पताल के समर्थन में IMA कोटा...SP ऑफिस पहुंचकर मुकदमा वापस लेने की मांग, कोरोना का इलाज रोकने की धमकी

कोटा-झालावाड़ रोड स्थित कोटा हार्ट इंस्टीट्यूट के श्रीजी अस्पताल से इंजेक्शन चुराकर कालाबाजारी करने के मामले में नया मोड़ आया है. जिन मरीजों के इंजेक्शन चुराए गए थे, उनको ग्लूकोस चढ़ा देने की बात सामने आई थी. एक महिला मरीज की मौत हो गई थी. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन अब श्रीजी अस्पताल के समर्थन में उतर गया है.

IMA Kota in support of Shreeji Hospital
श्रीजी अस्पताल के समर्थन में IMA कोटा

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Published : May 21, 2021, 11:09 PM IST

कोटा. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की कोटा हार्ट इंस्टीट्यूट के श्रीजी अस्पताल के समर्थन में उतर गई है. शुक्रवार को करीब 100 की संख्या में चिकित्सक शहर एसपी ऑफिस पहुंचे. जहां पर उन्होंने कोटा हार्ट इंस्टिट्यूट के निदेशक डॉ राकेश जिंदल पर दर्ज हुए मुकदमे को वापस लेने की मांग कर दी. साथ ही मांगों पर ध्यान नहीं देने पर कोविड-19 का इलाज रोकने की धमकी भी दे दी.

श्रीजी अस्पताल के समर्थन में IMA कोटा

इसके साथ ही महावीर नगर थाना पुलिस पर आरोप लगा दिया कि वह सूचनाएं लीक कर रहे हैं. बता दें कि शहर के झालावाड़ रोड स्थित कोटा हार्ट इंस्टीट्यूट के श्रीजी अस्पताल से इंजेक्शन चुराकर कालाबाजारी करने का मामला सामने आया था. ऐसे में जिन मरीजों के इंजेक्शन चुराए गए थे. उनको ग्लूकोस चढ़ा देने की बात भी सामने आई थी और उनमें से एक महिला मरीज की मौत हो गई. जिसके परिजनों ने जवाहर नगर थाने में कोटा हार्ट इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ राकेश जिंदल बनने पर मुकदमा दर्ज करा दिया था.

इसके विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की कोटा ब्रांच उतर गई है. उन्होंने मीडिया में खबरें लीक करने का आरोप लगाते हुए मीडिया ट्रायल बंद करने की बात कही. इसके बाद शहर एसपी डॉ. विकास पाठक ने तुरंत चिकित्सक की मांग पर इस मामले की जांच पुलिस उपाधीक्षक मुकुल शर्मा को सौंप दी है. आईएमए कोटा के अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने कहा कि हमारी मुख्य मांग है कि जब तक अस्पताल और प्रशासनिक जांच के साथ-साथ पुलिस की जांच चल रही है, तब तक अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं किया जाए.

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जब जांच के परिणाम आ जाए, तभी इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए. इस प्रकरण में जो भी लिप्त पाया जाएगा जो कोई भी हो उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए. अस्पताल के 250 के स्टाफ में यह संभव नहीं है कि सभी नर्सिंग कर्मियों पर नजर रखी जा सके. हर इंजेक्शन सभी के सामने नहीं लगा सकते. यह मानवता का कार्य, उस व्यक्ति को ध्यान रखना चाहिए था.

उसने गलती की है, उसकी गलती की सजा अस्पताल के निदेशक को नहीं मिलना चाहिए. हमारी मांगों पर विचार नहीं किया तो, कोरोना का उपचार बंद कर देंगे. इस दौरान प्रदेश आईएमए अध्यक्ष डॉ. अशोक शारदा, आईएमए कोटा अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल, आईएमए सचिव डॉ. अमित व्यास, डॉ. राकेश जिंदल, डॉ. बीएल गोचर, डॉ. राहुल अरोडा, डॉ. साकेत गोयल सहित कई चिकित्सक उपस्थित रहे.

आपको बता दें कि मृतका माया रोहिड़ा के बेटे पुनीत रोहिड़ा ने कोटा हार्ट इंस्टिट्यूट के निदेशक डॉ. राकेश जिंदल के खिलाफ गैर इरादतन हत्या व अन्य धाराओं में दर्ज करवाया था.

आईएमए के बैनर तले एसपी ऑफिस पहुंचे चिकित्सकों ने यह भी मांग रखी है कि जो रूटीन की कार्रवाई पुलिस कर रही है. उसकी जानकारी मीडिया को नहीं दी जाए. साथ ही पुलिसकर्मी को ऊपर भी आरोप लगाया है कि वह रोज की सूचनाएं थाने से लिक कर रहे हैं. साथ ही इस मामले में उच्च अधिकारी को जांच सौंपी जाए, ताकि मीडिया को जानकारी नहीं मिले. जिससे कि मीडिया अस्पताल के खिलाफ खबरें नहीं चला सके. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुकदमा वापस नहीं लिया गया तो कोटा के समस्त निजी चिकित्सक व चिकित्सालय कोरोना के रोगियों का इलाज करने में असमर्थ रहेंगे, जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी कोटा जिला प्रशासन की रहेगी.

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