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कोटा: मल्टीस्टोरी बिल्डिंग की जाली में फंसे सैकड़ों कबूतर, भूख-प्यास से मर रहे - जाली में फंसे कबूतर

शहर के बालाजी मार्केट स्थित एक मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में सैकड़ों की संख्या में कबूतरों और अन्य पक्षियों के फंसे होने का मामला सामने आया है. यह कबूतर और पक्षी भूख प्यास से अब मर रहे हैं. बिल्डिंग के बाहर लगी जाली के चलते वे बिल्डिंग से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं.

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मल्टीस्टोरी बिल्डिंग की जाली में फंसे सैकड़ों कबूतर

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Published : Feb 28, 2021, 6:18 PM IST

कोटा.शहर के महावीर नगर थाना इलाके में स्थित एक मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में सैकड़ों की संख्या में कबूतरों और अन्य पक्षियों के फंसे होने का मामला सामने आया है. यह कबूतर और पक्षी भूख प्यास से अब मर रहे हैं क्योंकि बिल्डिंग के बाहर लगी जाली के चलते वे बिल्डिंग से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं और अपने दाना पानी के लिए पक्षी उड़ कर जा भी नहीं पा रहे हैं. जानकारी के अनुसार बालाजी मार्केट स्थित आशीर्वाद आनंदम बिल्डिंग का मामला है, जहां पर पक्षियों से बिल्डिंग को फ्री रखने के लिए जाली सभी जगह पर लगवाई गई है, ताकि कॉमन एरिया में पक्षी नहीं आ सके.

पुरानी जाली के फट जाने के बाद अब उसे हटाकर नई जाली लगाई जा रही है. हालांकि जब जाली हटाई गई है, उसके बाद सैकड़ों की संख्या में कबूतर अंदर आ गए. इस दौरान काम करने वाले लोगों ने ध्यान नहीं दिया और कबूतर अंदर रह गए. उन्होंने जाली बाहर से कवर कर दी, इसके चलते अंदर कबूतर और अन्य पक्षी भी फंस गए हैं, जो कि भूख प्यास से मर रहे हैं क्योंकि अब उन्हें बाहर निकलने का रास्ता नहीं मिल पा रहा है. कुछ कबूतर 3 से 4 दिनों से फंसे हुए हैं, जो कि भूख प्यास के चलते गिरकर तड़प रहे हैं.

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इस बिल्डिंग की हाउसिंग सोसायटी के अध्यक्ष समीर भार्गव का कहना है कि उन्होंने मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में 16 लाख रुपए की लागत से 3 साल पहले की जाली लगवाई थी. इसके बाद अब गुजरात से जाली की मेंटेनेंस और अन्य कार्यों के लिए लोग आए हुए हैं. इस दौरान उन्होंने जाली हटाई और यह कबूतर प्रवेश कर गए हैं, जिन्हें मजदूर हटा भी रहे हैं, क्योंकि यह जाली में फंसे हुए हैं. हालांकि पक्षी प्रेमियों ने इस पर आपत्ति जताई है. साथ ही उन्होंने जाली को हटाकर पक्षियों को मुक्त करवाने की मांग भी की है. वहीं इस संबंध में कुछ लोगों ने वन विभाग की टीम को भी सूचना दी है, लेकिन उन लोगों ने भी किसी तरह की कोई कार्रवाई आगे नहीं की है.

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