कोटा.कोविड-19 के दो साल बाद इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर पूरे देश में उल्लास है. भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव देश-विदेश के कई मंदिरों में विशेष श्रंगार और पूजा आयोजित हो रही है. कोटा का भी कृष्ण भक्ति का अपना स्वर्णिम इतिहास रहा है. जिसकी छाप राव माधो सिंह म्यूजियम में देखने को मिलती है. यहां दुर्लभ स्वर्ण जड़ित राधा कृष्ण की कलाकृतियां हैं. ये 150 साल पुरानी बताई जाती हैं (Krishna Paintings Of Raja Ravi Verma).
मौजूद रिकॉर्ड्स के मुताबिक रियासत काल में ही इन्हें राजा रवि वर्मा ने तैयार किया था. खास आकर्षण का केन्द्र वो कलाकृतियां हैं जिनमें भगवान कृष्ण, राधा और गोपियों संग मौजूद है. चेहरे के भाव झिझकने और सकुचाहट का संदेश देते हैं. राव माधो सिंह म्यूजियम ट्रस्ट के क्यूरेटर पंडित आशुतोष दाधीच का कहना है कि ये कलाकृतियां डेढ़ सौ साल पुरानी हैं. जिन्हें कोटा के ही कलाकारों ने स्वर्ण और रत्न जड़ित आभूषणों से अलंकृत किया. इन बोलती पेंटिंग्स में मोहन कई मोहक अंदाज में मौजूद हैं. कहीं सिर पर सोने का मुकुट धारण कर अपनी आभा से विस्मित करते तो कहीं बांसुरी संग रास रचाते.
सेफ रखने के लिए लगातार करते हैं मॉनिटरिंग: क्यूरेटर पंडित दाधीच के अनुसार इन आर्टवर्क को लकड़ी के फ्रेम में फिट किया गया है. जिसमें आगे की तरफ कांच लगाया हुआ है. इनकी कुछ अंतराल में साफ सफाई की जाती है फिर धूप दिखाया जाता है. इससे इनकी लाइफ बढ़ जाती है. देखा जाता है कि दीमक या अन्य कीड़े तो पेंटिंग्स पर अटैक नहीं कर रहे या फिर नमी या अन्य कोई चीज का खतरा तो इसमें नहीं है. फ्यूमिगेशन देने जैसी स्थिति अभी तक नहीं आई है. इन पर पूरी निगरानी भी रखी जाती है.