कोटा.घाटे में चल रही कोटा रोडवेज को राहत देने के लिए रोडवेज के सीएमडी नवीन जैन अब आय बढ़ाने पर प्रयास कर रहे हैं. इसी के चलते उन्होंने रोडवेज डिपो में चालक, परिचालक और बस रूटों की ग्रेडिंग करवाई गई है. इस ग्रेडिंग में ए ग्रेड में कोटा के महक चार परिचालक ही शामिल हुए हैं जो कि अपने रूटों पर अच्छी इनकम दे रहे थे. जबकि बस के डीजल एवरेज के अनुसार चालकों की ग्रेडिंग में 33 चालक ए-ग्रेड में शामिल हुए हैं. वही, रूट की बात की जाए तो महज 12 ही ए केटेगरी में आए हैं. जबकि कोटा में 120 चालक और 99 परिचालक सेवारत हैं.
कोटा रोडवेज डिपो में शुरू हुई ग्रेडिंग इनकम और डीजल एवरेज से निकाली है ग्रेडिंग
कोटा रोडवेज डिपो के मुख्य प्रबंधक कुलदीप शर्मा का कहना है कि बीते साल अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर का रिकॉर्ड लेकर सख्ती से ग्रेडिंग की गई है. चालकों की ग्रेडिंग बस के एवरेज से निकाली गई है. वहीं, परिचालकों की ग्रेडिंग इनकम से की गई है. साथ ही जो रूट है, उनकी ग्रेडिंग भी इनकम से ही हुई है. उसी के अनुसार हम चालकों और परिचालकों की ड्यूटी लगा रहे हैं. रोडवेज के अधिकारियों के अनुसार कोटा से जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, रावतभाटा, भीलवाड़ा और इंदरगढ़ वाले रूटों पर ज्यादा इनकम हुई है.
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ज्यादा इनकम वाले 12 रूट, सी-ग्रेड में 45 शामिल
रोडवेज के कोटा चीफ मैनेजर शर्मा के अनुसार राजस्थान रोडवेज के कोटा डिपो से 87 रूटों पर बसें संचालित होती है. जबकि डिपो के पास 103 बसें हैं, ये रोज 198 ट्रिप करती है. हालांकि, अभी लॉकडाउन की वजह से 33 बसें ही 33 रूटों पर संचालित हो रही है. लेकिन रोडवेज ने पिछले साल के 3 महीनों को लेकर ग्रेडिंग निकाली है, जिसमें 4,600 रुपए से ज्यादा इनकम वाले रूट को ए ग्रेड, 4,200 से 4,600 रुपए तक आय वाले रूट को बी ग्रेड और 3 हजार से 4,200 रुपए वाले रूट को सी ग्रेड दी गई है. वहीं, इससे भी कम आया वाले रूट को डी कैटेगरी में रखा गया है. डिपो में ए-ग्रेड में 12, बी-ग्रेड में 31 और सी-ग्रेड में 45 रूट मिले हैं.
सबसे ज्यादा सी ग्रेड में 75 परिचालक
इनकम के अनुसार परिचालक की कैटेगरी भी तय की गई है, जिनमें ए-ग्रेड में जहां 4 परिचालक हैं तो बी-ग्रेड में 20 और सी-ग्रेड में 75 परिचालक हैं. हालांकि, डी में कोई भी नहीं है. लेकिन रोडवेज के सीएमडी के निर्देश पर ए-ग्रेड के रूट पर ए-ग्रेड के ही परिचालकों को ही लगाने थे, लेकिन डिपो के पास ए-ग्रेड के परिचालक कम होने के चलते बी-ग्रेड वालों को लगाना पड़ा. बस चालकों की बात की जाए तो जो ड्राइवर 1 लीटर में 5 किलोमीटर का एवरेज दे रहे थे, उन्हें उच्च श्रेणी में रखा गया है. इसके कम वालों को नीचे की श्रेणी में डाला गया है. इसके अनुसार ही बी-कैटेगरी में सबसे ज्यादा 57 और सी-कैटेगरी में 30 हैं.