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कोटाः सोयाबीन और उड़द की खरीद के लिए लगाए गए सरकारी कांटों पर नहीं पहुंच रहे किसान, बता रहे ये समस्या

कोटा भामाशाह मंडी में को-ऑपरेटिव सोसाइटी द्वारा राजफैड ने सोयाबीन और उड़द की खरीद के लिए लगाए कांटे पर किसान नहीं पहुचं रहे हैं. जिसके कई कारण सामने आ रहे है.

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Published : Nov 1, 2019, 11:30 PM IST

कोटा. शहर की भामाशाह मंडी में को-ऑपरेटिव सोसाइटी राजफैड ने उड़द ओर सोयाबीन खरीदने के लिए सरकारी कांटे लगाए, लेकिन पहले ही दिन खरीद नहीं हो पाई. किसानों ने बताया कि सरकारी फॉर्मलटीज काफी होती है, इसके साथ ही सरकारी कीमते भी कम हैं.

सरकारी कांटो पर नहीं पहुंच रहे किसान

दरअसल कोटा भामाशाह मंडी में शुक्रवार से राजफैड ने सोयाबीन ओर उड़द की सरकारी खरीद के लिए कांटे लगाए. राजफैड ने उड़द का भाव 5700 रुपए व सोयाबीन का 3710 रुपए प्रति क्विंटल रखा है. वहीं मंडी में आढ़त में सोयाबीन 3700 से 4 हजार रुपए में बिक रही है. ऐसे में किसानों का इस ओर कोई रुझान देखने को नहीं मिला.

किसानों ने बताया कि अभी सरकारी समर्थन मूल्य बहुत कम दे रहे है और आढ़त में ज्यादा मिल रहा है. उनका कहना है कि सरकारी कांटे पर बेचने में फॉर्मलिटीज बहुत ज्यादा होती है. इस कारण से भी आढ़त में माल बेचते है. राजफैड के कर्मचारी का कहना है कि शुक्रवार को भामाशाह मंडी में सरकारी कांटा शुरू किया है लेकिन उड़द और सोयाबीन की कीमतें कम होने से किसान नहीं आ रहे है.

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सरकार ने सोयाबीन में 3 हजार 710 और उड़द में 4700 रुपये कीमत रखी हैं. वहीं आढ़त में सोयाबीन 3700 से 4000 रुपए में बिक रहा है. ऐसे में किसान नहीं आ रहे है. उन्होंने बताया कि हाड़ौती की मंडियों में करीब 38 किसानों ने रजिस्ट्रेशन किए हुए हैं. सरकारी कांटो में भाव कम रहने से किसानों का रुझान आढ़त पर बढ़ रहा है.

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