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कोटाः न्यू मेडिकल अस्पताल का गायनी वार्ड हाउस फूल, मरीजों को हो रही परेशानी

कोटा के न्यू मेडिकल अस्पताल में गायनी वार्ड की एक ही यूनिट होने के चलते और वार्डो की कमी के चलते यह हालात बन रहे है कि मरिजों को बेड नहीं मिल पा रहे हैं. इसलिए कई औरतों को बेंच पर लेटाया जा रहा है. बता दें कि वार्ड में करीब आठ ही बेड हैं और करीब 30 महिलाएं भर्ती हैं, जिसके वजह से मरिजों को बेंचो पर सोना पड़ रहा है.

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Published : Oct 19, 2019, 11:32 PM IST

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कोटा.शहर के सबसे बड़े अस्पताल न्यू मेडिकल में गायनी वार्ड इन दिनों मरीजों की तादात बढ़ने से छोटा नजर आ रहा है. गायनी वार्ड की एक ही यूनिट होने के चलते और वार्डों की कमी के चलते यह हालात बन रहे हैं कि मरिजों को बेड नहीं मिल पा रहे हैं. वार्ड में करीब आठ ही बेड हैं उनमें भी करीब 30 महिलायें भर्ती हैं, इसलिए कई औरतों को तो बेंच पर लेटाया जा रहा है. वहीं, डिलीवरी के बाद भी महिला को बेड नसीब नहीं हो रहा है. उनको भी जमीन पर चादर बिछा कर भर्ती करना पड़ रहा है.

मेडिकल कॉलेज अस्पताल का गायनी वार्ड हुआ फूल

बता दें कि न्यू अस्पताल में रोज करीब सभी प्रकार के 4000 मरीज आ रहे हैं. उसमें भी रोज गायनी के लिए दस से बारह महिला रोज भर्ती हो रही हैं, इसके चलते वार्ड छोटा पड़ने लगा है. ऐसी ही स्थिति पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड का भी है इसमें करीब 30 बेड हैं. बेड की कमी के कारण मरिजों को बेंचो पर सोना पड़ रहा है. जिससे बच्चे के नीचे गिरने का खतरा बना रहता है.

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पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड में भर्ती महिला का कहना है कि 16 अक्टूबर को ऑपरेशन से डिलीवरी हुई थी उस समय बेड पर भर्ती किया गया था. लेकिन शुक्रवार रात को मरीज बढ़ने से बेंच पर शिफ्ट कर दिया. इसमें रिस्क तो है ही और बार-बार उठकर आने में काफी परेशानी होती है. साथ ही जो बेंच पर गद्दा बिछाया है वह भी ऊंचा नीचा हो रहा है, इसकी वजह से टांको पर भी जोर पड़ा रहा है.

प्रसूता वार्ड के यूनिट हेड डॉक्टर का कहना है कि गायनी महिला की लगातार वृद्धि होने से इस वार्ड के ऐसे हालात हुए हैं. इसके लिए उच्च अधिकारियों को भी अवगत करा दिया गया है और उन्होंने आश्वासन दिया है कि जल्द ही एक और वार्ड उपलब्ध करा दिया जाएगा. वहीं, मेडिकल अस्पताल के अधीक्षक का कहना है कि जगह नहीं होने के कारण डॉक्टर को मना करना पड़ता है कि आप कहीं और ले जाकर मरीज को भर्ती करा लिजिए. उसके बावजूद भी लोग यहां से जाने को तैयार नहीं होते हैं.

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अस्पताल अधीक्षक ने कहा कि अगर जल्दी ही सुपर स्पेशलिटी वाली बिल्डिंग चालू हो जाती है, तो कई वार्ड यहां खाली हो जाएंगे. जिससे इसको और विस्तार दिया जा सकेगा. इसके अलावा एक यूनिट और चालू कर सकेंगे. उन्होंने बताया कि एमसीआई के अनुसार एक यूनिट में 30 बेड से ज्यादा नहीं हो सकते, जबकि इनके पास एक यूनिट में टोटल 60 बेड हैं और उसके बाद भी करीब 100 मरीज भर्ती हो रहे हैं.

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