कोटा.कोरोना वायरस से बचाव के लिए लॉकडाउन करीब 2 महीने से चल रहा है, लेकिन बाजारों को बीते 17 मई से खोला गया था. कुछ बाजारों में थोड़ी हलचल नजर आती है, लेकिन कोटा के शॉपिंग सेंटर एरिया के फर्नीचर मार्केट में तो हालात जस के तस बने हुए हैं. दुकानें तो खुल गई हैं, लेकिन बाजारों में ग्राहक ही नहीं है, जो आते भी वो केवल पूछताछ करके ही वापस चले जाते हैं. जहां पहले महीने भर में 50 लाख से 1 करोड़ रुपए तक कमाई हो जाती थी. वहीं, अब ये कमाई 3 से 4 लाख रुपए तक ही सिमट कर रह गई है.
फर्नीचर मार्केट के पूर्व अध्यक्ष जसपाल अरोड़ा के अनुसार कोटा की बात की जाए तो पूरे साल भर में यहां पर डेढ़ सौ करोड़ रुपए का फर्नीचर व्यापार होता है. इस व्यापार के सालभर में दो बार सीजन आते हैं, जिनमें मार्च से लेकर मई के बीच शादी समारोह होते हैं. इसके साथ ही खरीददारी के लिए कोचिंग के छात्र भी आया-जाया करते थे. इसके अलावा अक्टूबर से जनवरी के बीच भी विवाह समारोह के साथ-साथ फेस्टिवल चलते हैं, जिनसे भी बाजार में उठाव होता है. हालांकि, इस बार मार्च से मई तक पड़ने वाला शादी का सीजन लॉकडाउन में चला गया और अभी भी बाजार में मंदी जैसा ही आलम है. इसके चलते अक्टूबर से जनवरी तक आने वाले शादी के सीजन में भी मंदी ही रहेगी. वहीं, अधिकांश व्यापारियों का कहना है कि उनकी 10 से 20 फीसदी बिक्री भी नहीं हो पा रही है.
किराया और बिजली के बिल की बड़ी मार
फर्नीचर दुकान संचालक विजय कुमार गोयल का कहना है कि फर्नीचर रखने के लिए बड़ी जगह चाहिए होती है. ऐसे में दुकानों का किराया भी ज्यादा होता है, यहां तक कि बिजली का बिल जस का तस बना हुआ है. दुकानों पर लगे कार्यरत कार्मिक भी दिन भर बैठे ही रहते हैं और आपस में ही बातें करके उनका टाइम पास हो रहा है. दुकानें खोलने के बाद भी पहले जैसे ही हालात हैं, बाजारों में कोई ग्राहक नहीं नजर आता है.
शादी और कोचिंग स्टूडेंट्स से ही चलता है सीजन