कोटा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस साल बजट घोषणा में दूरस्थ शिक्षा से जुड़ी महिलाओं और छात्राओं को निशुल्क शिक्षा की घोषणा की थी. प्रदेश का एकमात्र खुला विश्वविद्यालय वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा (Vardhman Mahaveer Open University) में है. ऐसे में राज्य सरकार की बजट घोषणा बालिका दूरस्थ निशुल्क शिक्षा योजना यहां लागू होगी. जिसमें करीब 35 हजार छात्राओं को फ्री पढ़ाया (Free education for girls VMOU) जाएगा.
इसके लिए विश्वविद्यालय से लिए गए डेटा के अनुसार प्रदेश स्तर पर ही पॉलिसी बनाई जा रही है. जिसके लिए एक पोर्टल भी तैयार किया जाना है. हालांकि यह योजना 1 साल से लागू होगी या अगले साल से इस पर मंथन चल रहा है. यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार महेश चंद मीणा ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग ने कोटा ओपन यूनिवर्सिटी को पत्र जारी कर 10 करोड़ का बजट छात्राओं की शुल्क माफी योजना के लिए जारी करने की बात कही थी. इसके लिए इतने ही बजट का प्रस्ताव तैयार करने के लिए निर्देशित किया था. यूनिवर्सिटी ने इस अनुसार प्रस्ताव तैयार करना शुरू कर दिया था. जिसमें केवल यूजी की छात्राएं ही शामिल हो पा रही थीं, इनमें वही छात्राएं थीं, जो कि अनइंप्लॉयड थीं. हालांकि अब उच्च शिक्षा विभाग ने निदेशालय स्तर पर ही यूनिफॉर्म पॉलिसी बनाने की बात कही है, लेकिन जितना बजट जारी किया गया है. उनके अनुसार केवल यूजी कोर्सेज में छात्राएं शामिल हो पाएंगी.
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हर साल होते हैं सवा लाख एडमिशन, 45 हजार छात्राएं: कोटा ओपन यूनिवर्सिटी में जनवरी और जून के दो सेशन में प्रवेश स्टूडेंट्स को मिलते हैं. हर साल यूजी और पीजी मिलाकर दोनों सेशन में 1,25,000 स्टूडेंट्स प्रवेश लेते हैं. जिनमें 60 फीसदी छात्र होते हैं. हर साल यहां पर करीब 45,000 छात्राएं प्रवेश लेती हैं. हालांकि स्कीम के तहत कम छात्राएं लाभान्वित हो रही हैं. ऐसे में राज्य सरकार के बजट के अनुसार केवल यूजी कोर्सेज की छात्राएं ही इसमें लाभार्थी होंगी. वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय में बैचलर ऑफ साइंस, आर्ट्स और कॉमर्स के कोर्सेज चलते हैं. इसमें फर्स्ट सेकंड और थर्ड ईयर तीनों में अध्ययनरत छात्राओं को इसका फायदा मिलेगा. इसके अलावा खुला विश्वविद्यालय में पत्रकारिता, पत्रकारिता लेटरल, पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान, व्यावसायिक प्रशिक्षण, कंप्यूटर अनुप्रयोग व सामाजिक कार्य में बैचलर कोर्स संचालित होते हैं. इन सभी कोर्सेज में प्रारंभिक तौर पर प्रवेश लेने वाली छात्राओं की फीस माफ होगी.
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राजस्थान के निवासी और अनइंप्लॉयड को ही मिलेगा लाभ: वीएमओयू के रजिस्ट्रार का कहना है कि इस योजना के तहत राज्य का मूल निवासी, परिवार की आय और नौकरी नहीं होने की शर्त यूनिवर्सिटी ने जोड़ी थी. हर साल जनवरी और जून के सेशन में एडमिशन लेने वाली 13,500 छात्राएं इसमें शामिल हुईं. ये छात्राएं लगभग 3 साल तक पढ़ाई करती हैं. सभी तीन वर्षों को मिलाकर करीब 35 हजार छात्राओं की फीस माफ होगी. विश्वविद्यालय के रिकॉर्ड के अनुसार इन कोर्सेज में 4200 रुपए से लेकर 11,400 रुपए तक सालाना फीस है.