कोटा.अजमेर से विधायक और पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी रविवार को कोटा पहुंचे. वह यहां से केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ झालावाड़ भी गए. देवनानी ने कोटा सर्किट हाउस में मीडिया से भी बातचीत की. इस दौरान उन्होंने राजस्थान की शिक्षा को पूरी तरह से बदहाल बता दिया है.
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देवनानी ने कहा कि राजस्थान में शिक्षा पूरी तरह से बदहाल है. शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को फुर्सत ही नहीं है कि शिक्षा की तरफ ध्यान दें, उनके मस्तिष्क में तो केवल एक ही फोबिया छाया हुआ है कि किसी भी तरह हर जगह पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को गाली देना या फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करना. शिक्षा विभाग पूरी तरह से लावारिस है. अभी ट्रांसफर में भी इस तरह से शिकायत आ रही है.
वासुदेव देवनानी का राजस्थान की शिक्षा व्यवस्था पर बयान केवल एक जाति विशेष के लोगों के ही ट्रांसफर किए जा रहे हैं या फिर डोटासरा की खुद की विधानसभा क्षेत्र के ही स्थानांतरण हो रहे हैं. इस समय शिक्षा विभाग को अनाथ तो नहीं कह सकता, लेकिन पूरी तरह से लावारिस हैं. विद्यार्थियों से किसी तरह की कोई पढ़ाई नहीं हो रही है. अभिभावक संघर्ष के पद पर हैं. शिक्षकों की अपनी समस्याएं हैं.
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नई नियुक्ति के कई वादे किए हैं जिन पर अभी तक कुल राज्य सरकार ने डेढ़ लाख नौकरियों की घोषणा पिछले 3 बजट में की है, अभी तक एक भी नियुक्ति नहीं हुई है. नौकरियां देने में राज्य सरकार पूरी तरह से असफल रही है. शिक्षा क्षेत्र के साथ यह सरकार युवा विरोधी है. युवाओं को न बेरोजगारी भत्ता दे पाई है न नौकरी दे पाई है. अब बेरोजगार आंदोलन कर रहे हैं और उनको सरकार दबाने में जुटी हुई है.
शिक्षा मंत्री को समन्वय बनाकर करनी चाहिए अभिभावकों से बात
अभिभावकों के विधानसभा घेराव के मामले पर पूर्व शिक्षा मंत्री देवनानी ने कहा कि अभिभावकों की मांगे हैं. जिनको सुनकर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को संवाद करके उनका समाधान करना चाहिए. निजी शिक्षण संस्थानों की फीस के मुद्दे पर अभिभावकों की मांगे हैं. दोनों में कहीं ना कहीं समन्वय की आवश्यकता है और दोनों अपने स्थानों पर समस्याएं हैं, लेकिन उनका समाधान बिना वार्ता के संभव नहीं है.
शिक्षा मंत्री डोटासरा वार्ता नहीं कर रहे हैं. शिक्षक संगठनों से भी नहीं कर रहे हैं, ना अभिभावकों से कर रहे हैं, केवल उनकी एक ही धुन है किसी भी तरह केंद्र सरकार को गालियां देना और क्रिटिसाइज करना रह गया है.