कोटा. देश के शिक्षा जगत में कोटा के कोचिंग संस्थानों का डंका हमेशा बजटा है. मेडिकल हो या इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम कोटा हमेशा टॉपर्स को आगे लाता रहा है. शिक्षा के क्षेत्र में कोटा का स्थान शिखर पर होने के बीच एक बड़ी खबर है. कोटा के ऑफलाइन कोचिंग संस्थान में विदेशी निवेश होने जा रहा है. इसके लिए कोटा के एक बड़े कोचिंग संस्थान से हिस्सेदारी विदेशी फर्म करेगी.
33 फीसदी हिस्सेदारी रहेगीः इसमें 1.2 बिलीयन डॉलर यानी करीब 9000 करोड़ रुपए के निवेश (Foreign firm will invest 9000 crores in Kota coaching institutes) की तैयारी है. रूपर्ट मर्डोक के बेटे जेम्स मर्डोक की फर्म लुपा सिस्टम निवेश को तैयार है. कोचिंग संस्थान से जुड़े सूत्रों का कहना है कि करीब 33 फ़ीसदी हिस्सेदारी विदेशी फर्म लुपा सिस्टम इंडिया की रहेगी. इसके लिए दोनों फर्म के बीच प्राथमिक रूप से पूरी बातचीत हो चुकी है. यहां तक की पार्टनरशिप की डील अंतिम चरण में चल रही है. कुछ ही सप्ताह में यह डील फाइनल हो जाएगी.
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कोटा के कोचिंग संस्थान के सह-संस्थापक और निदेशक गोविंद माहेश्वरी का कहना है कि हमारी गतिविधियों व काम को देख कर हम से जुड़ने की कई लोगों ने आकांक्षाएं रखी है. कई लोगों ने हमसे मिलकर प्रयास भी किए हैं. जिस तरह से हमारा परंपरागत तरीके से काम चल रहा है. हमारी जो ग्रोथ हुई है और लोग भी जुड़े हैं. उसी दिशा में हमारे साथ एसोसिएशन होने से इसका विस्तार होगा. उन्होंने कहा कि हम देश में 40 की जगह 400 जगह जा सकते हैं, तो उसके लिए हम प्रयत्नशील हैं. जिससे हम कोटा के कोचिंग कल्चर को ऑर्गेनाइजेशन को भी बड़ा कर सकेंगे.
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इधर, जारी है नए सेंटर खोलने का क्रमः कोटा की कोचिंग संस्थानों के देशभर में लगातार ब्रांच खोले जा रहे हैं. हाल ही में टियर 3 सिटीज में भी कोटा के कोचिंग संस्थान ने अपनी ब्रांच खोली है. जिनमें जोधपुर व ग्वालियर शामिल है. करीब 3 दर्जन से ज्यादा शहरों में कोटा के इस कोचिंग संस्थान के स्टडी सेंटर बने हुए हैं. जहां पर ऑफलाइन क्लासेज संचालित की जाती हैं.
इन सब जगह पर करीब दो लाख बच्चे मेडिकल और इंजीनियरिंग एंट्रेंस की तैयारी कर रहे हैं. यहां तक कि कोटा में करीब एक लाख से ज्यादा बच्चे कोविड-19 की स्थिति के बाद भी मौजूद हैं. कोटा आने वाले बच्चों में कक्षा 9 में पढ़ने वाले भी शामिल हैं. कई बच्चे तो ऐसे होते हैं, जो 4 से 5 साल तक भी यहां रखकर इंजीनियरिंग और मेडिकल एंट्रेंस की तैयारी करते हैं.