कोटा. जिले में स्थित थर्मल प्लांट में कभी भी किसी भी जगह प्लांट में कोई भी वन्यजीव चहलकदमी करते दिख ही जाते हैं. पिछले 7 दिनों में लगातार पिछले चौथी बार कोटा थर्मल के क्लेरिफायर में भालूओं का आना जाना पहले से कहीं ज्यादा बड़े पैमाने पे देखा गया है.
कोटा थर्मल प्रशासन की ओर से इस मामले के सन्दर्भ में हो रही लापरवाही के चलते वहां काम करने वाले कर्मचारियों के लिए स्थिति इतनी विकट हो गयी है कि कभी भी कोई भी दुर्घटना हो जाने का डर कर्मचारियों को बुरी तरह सताने लगा है. लेकिन अपनी कुर्सी की गर्मी और कर्मचारियों को प्रताड़ित करने की हठधर्मिता के चलते जंगली जानवरों से प्लांट और कर्मचारियों की सुरक्षा करने की जगह थर्मल प्रशासन एक और नया नियम छोटे कर्मचारियों पे लागू करने जा रहा है.
कोटा थर्मल प्लांट में भालुओं के आतंक से कार्मचारियों में डर का महौल जानकारी के अनुसार प्लांट सम्बन्धित खामियों को आम जन और मीडिया की नजर से छुपाये रखने के इरादे से 1 मई से प्लांट परिसर में मोबाइल फोन ले कर आने पे प्रतिबन्ध लगने वाला है, क्योंकि प्रशासन का मानना है कि प्लांट परिसर में यदि कोई खामियां हैं तो उन्हें सबसे छुपाकर रखा जाना आवयश्क है ना कि उनमें सुधार करना चाहे फिर कोई दुर्घटना ही क्यों ना हो जाये. शायद इसी वजह के चलते थर्मल कर्मचारियों ने जंगली जानवरों के वीडियो मीडिया की नजर में डाल कर खतरे की पूर्व सूचना दे कर अपनी नैतिक जिम्मेदारी समय-समय पे निभाई है शायद इसी वजह के चलते और कर्मचारियों की सुरक्षा के मुद्दे को दबाये रखने के हिसाब से थर्मल प्रशासन ने फिर एक नया फरमान निकालने पे आमादा है.
अब से कुछ ही दिन पहले तक दुपहिया वाहनों के गेट पास को ले कर थर्मल सुर्खियों में था, तो अब फिर से कर्मचारियों पे अपनी दमनकारी नीतियों को लागू कर उन्हें प्रताड़ित करने की नई मुहिम थर्मल की एक बड़ी सुर्खी बनती जा रही है.