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कोटा: भारतीय किसान संघ के आह्वान पर मंडियां रही बंद - kota news

प्रदेश भर में भारतीय किसान संघ का बंद का आह्वान किया गया है. जिसका असर शुक्रवार को कोटा में भी देखने को मिला. जिले में सभी कृषि उपज मंडी बंद रही. जिसके कारण पूरे जिले में सन्नाटा पसरा रहा. इस दौरान किसानों ने भामाशाह मंडी का गेट बंद कर धरना भी दिया.

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किसानों ने भामाशाह मंडी का मुख्य गेट बंद कर दिया धरना

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Published : Aug 21, 2020, 6:41 PM IST

कोटा.प्रदेश व्यापी भारतीय किसान संघ का अनाज, फल-सब्जी मंडी बंद का आह्वान का असर कोटा जिले में भी देखने को मिल रहा है. जिले की तमाम कृषि उपज मंडी शुक्रवार को भारतीय किसान संघ के आह्वान पर बंद रही. मंडियों में दिन भर सन्नाटा पसरा रहा. मंडियों में किसी भी तरह का खरीद-फरोख्त का कारोबार नहीं हुआ.

कोटा जिला मुख्यालय पर एशिया की सबसे बड़ी अनाज मंडी भामाशाह भी बंद रही. मंडी का गेट बंद करके भारतीय किसान संघ के कार्यकर्ताओं ने धरना दिया और राज्य सरकार को ग्राम से संग्राम की चेतावनी दी.

किसानों ने भामाशाह मंडी का मुख्य गेट बंद कर दिया धरना

किसान संघ के जिला अध्यक्ष विराज चौधरी ने भारतीय किसान संघ की ओर से कहा कि आज प्रदेश भर की मंडियां किसान संघ ने पूर्णता बंद करवाई है. किसान संघ मंडियों को बंद करवाने में सफल रहा है. जिलाध्यक्ष चौधरी ने कहा कि पिछले 15 दिनों से भारतीय किसान संघ सरकार से मांग करता हुआ आया है कि साल 2019 में अतिवृष्टि के दौरान जिन किसानों का फसल खराबा हुआ था, उन्हें अब तक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसल के नुकसान का क्लेम नहीं मिला है और इस बात से तमाम किसान वर्ग राज्य सरकार से नाराज है. जिला अध्यक्ष ने कहा कि मात्र 40 फीसदी किसानों को सरकार ने मुआवजा राशि लौटाई है जो भी पर्याप्त नहीं है. 60 फीसदी किसानों को अब तक खराबे का मुआवजा नहीं मिला है.

ऐसे में राज्य सरकार से मांग है कि केंद्र सरकार की ओर से मिली क्लेम की राशि को राज्य सरकार तत्काल किसानों को उपलब्ध करवाएं. अन्यथा आज प्रदेश की मंडियों भारतीय किसान संघ ने बंद करवाया है. सरकार ने किसानों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो आगामी दिनों में भारतीय किसान संघ विधानसभा का घेराव करेगा सचिवालय का घेराव करेगा और जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी.

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जिला अध्यक्ष ने कहा कि फसल खराबे के अलावा भारतीय किसान संघ की मांग है कि किसानों से बिजली के बिलों के नाम पर जो सर चार्ज वसूले जा रहे हैं उसे राज्य सरकार तत्काल बंद. साथ ही जो बिजली बिलों पर 10 हजार रुपए का अनुदान पूर्व में किसानों को मिलता था उस अनुदान को वापस बहाल किया जाए. किसानों से बिजली के बिल का भुगतान साल में दो बार लिए जाएं. हर महीने बिजली बिल भुगतान की प्रक्रिया को बंद किया जाए.

भारतीय किसान संघ के चित्तौड़ प्रांत के महामंत्री जगदीश कलमंडा ने कहा कि राज्य सरकार ने अगर किसानों की उक्त मांगों का समाधान जल्द नहीं किया गया तो अब किसान सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ेगा.

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