राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

SPECIAL: 7 से बढ़कर 141 हुए स्वप्रेरित बीमा करवाने वाले किसान, सरकार की अनिवार्यता शर्त हटाने के बाद भी बढ़े किसान

पिछले साल केवल 7 ही किसानों ने कोटा जिले में स्वप्रेरित होकर बीमा करवाया था. इसकी संख्या बढ़कर अब इस साल 141 हो गई है. वहीं खरीफ की फसल में हुए किसानों के बीमा की संख्या भी पिछले साल से करीब डेढ़ गुनी बढ़ गई है. इससे साफ है कि बीते साल 2019 में कोटा में हुई अतिवृष्टि से किसानों को जो नुकसान उठाना पड़ा था. जिन किसानों का बीमा था उन्हें क्लेम अच्छा मिला था. इसके चलते ही किसानों ने स्वप्रेरणा से भी बीमा इस बार करवाया है.

kota news, kota hindi news
अब 141 हुए स्वप्रेरित बीमा करवाने वाले किसान

By

Published : Oct 27, 2020, 11:34 PM IST

कोटा.सरकार ने इस बार फसल बीमा में किसानों की मंजूरी की शर्त को जोड़ दिया था. हालांकि इसके बावजूद किसान क्रेडिट कार्ड और लोन लेने पर होने वाला फसल का बीमा भी बढ़ा है. सबसे बड़ी बात यह है कि पिछले साल केवल 7 ही किसानों ने कोटा जिले में स्वप्रेरित होकर बीमा करवाया था. इसकी संख्या बढ़कर अब इस साल 141 हो गई है.

अब 141 हुए स्वप्रेरित बीमा करवाने वाले किसान

वहीं खरीफ की फसल में हुए किसानों के बीमा की संख्या भी पिछले साल से करीब डेढ़ गुनी बढ़ गई है. इससे साफ है कि बीते साल 2019 में कोटा में हुई अतिवृष्टि से किसानों को जो नुकसान उठाना पड़ा था. जिन किसानों का बीमा था उन्हें क्लेम अच्छा मिला था. इसके चलते ही किसानों ने स्वप्रेरणा से भी बीमा इस बार करवाया है. कृषि विभाग की कोटा जिला के उपनिदेशक रामनिवास पाली वालों का यही कहना है कि बीमे की संख्या बढ़ने की एकमात्र बजे स्थल है कि पिछले साल जिन भी किसानों को क्लेम मिला था.

डेढ़ गुना ज्यादा किसानों ने करवाया फसल बीमा

बीते साल 2019 में जहां पर चोरी ऐसे जा रहे 127 किसानों ने अपनी 128457 हेक्टेयर भूमि का बीमा करवाया था. इसमें कुल 80.95 करोड़ रुपए की लागत आई थी. जिसमें से केंद्र और राज्य सरकारों ने 73.76 करोड़ रुपए दिए थे. जबकि किसानों ने 7.19 करोड़ रुपए का प्रीमियम दिया था. जबकि इस साल किसानों की संख्या डेढ़ गुना से ज्यादा बढ़ती हुई 134594 पर पहुंच गई है. जिन्होंने अपना बीमा करवाया है और उनकी 162153 हेक्टेयर भूमि इस बार बीमित की गई है. जिसमें किसानों ने 13 करोड़ का प्रीमियम दिया है. जबकि केंद्र और राज्य सरकार ने 63 करोड़ रुपए दिए है.

पढ़ेंःSPECIAL : कतार में किसान, सिंचाई के लिए नहीं मिल रहा बिजली कनेक्शन, अभी करना पड़ेगा और इंतजार

68862 किसानों को मिला था फसल बीमा क्लेम

बीते साल 2019 में जहां पर अगस्त के अंतिम सप्ताह और सितंबर के पहले सप्ताह में काफी बारिश हुई थी. हालात ऐसे हो गए थे कि किसानों की सोयाबीन की फसल खेत में ही खराब हो गई थी और गल कर पूरी फसल नष्ट हो गई थी. किसानों के जहां पर तीन से चार बोरी सोयाबीन एक बीघा में निकलती थी, उसकी जगह महज आधा बोरी भी सोयाबीन नहीं निकली थी. साथ ही जो सोयाबीन किसानों को मिली वह भी काफी घटिया क्वालिटी की थी. क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट में जिन किसानों को 1224 किलो से कम उत्पादन मिला था. उन सब को बीमा क्लेम मिला था, जिसमें 63862 किसानों को 97.77 करोड़ की क्लेम राशि जारी हुई थी.

इस बार भी कम रहा है फसल का उत्पादन

भाजपा के जिला अध्यक्ष मुकुट नागर का कहना है कि पिछले साल बीमा कराना अनिवार्य था, लेकिन फसल खराब होने के बाद कुछ किसानों को अच्छा क्लेम मिला था. इस बार सरकार नए नियम में बदलाव कर दिया कि किसान लिखकर देगा तो ही उसका बीमा नहीं होगा. हालांकि किसानों ने फिर भी ज्यादा बीमा करवाया है. दूसरी तरफ पिछली बार अतिवृष्टि हुई थी. इस बार बारिश औसत से थोड़ी सी ज्यादा हुई है. लेकिन कई एरिया में ज्यादा और कुछ में कम हुई है. ऐसे में फसल सूख गई है और उत्पादन औसत से कम हुआ है. ऐसे में किसानों को इस बार भी क्लेम दिलाना चाहिए. वे राज्य सरकार से इस संबंध में मांग भी कर रहे हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details