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कोटा: स्वतंत्रता सेनानी लक्ष्मण खांडेकर को राजकीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई - कोटा लेटेस्ट न्यूज

कोटा में स्वतंत्रता सेनानी आनंद लक्ष्मण खांडेकर शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए हैं. देश की आजादी में योगदान देने वाले 94 वर्षीय खांडेकर को राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी गई. दादाबाड़ी आवास से किशोरपुरा मुक्तिधाम तक शव यात्रा निकाली गई. आजादी के दीवाने स्वतंत्रता सेनानी आनंद लक्ष्मण खांडेकर को घर से मुक्तिधाम तक तिरंगे में लाया गया।

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लक्ष्मण खांडेकर को राजकीय सम्मान के साथ दी विदाई

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Published : Oct 3, 2020, 1:06 PM IST

कोटा.शहर में स्वतंत्रता सेनानी आनंद लक्ष्मण खांडेकर शनिवार पंचतत्व में विलीन हो गए हैं. देश की आजादी में योगदान देने वाले 94 वर्षीय खांडेकर को राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी गई. दादाबाड़ी आवास से किशोरपुरा मुक्तिधाम तक शव यात्रा निकाली गई. आजादी के दीवाने स्वतंत्रता सेनानी आनंद लक्ष्मण खांडेकर को घर से मुक्तिधाम तक तिरंगे में लाया गया.

लक्ष्मण खांडेकर को राजकीय सम्मान के साथ दी विदाई

पुलिस के जवानों के द्वारा हथियार और शीश झुका कर पुलिस के जवानों ने हवा में फायर कर खांडेकर को सलामी दी. इस मौके पर खांडेकर अमर रहे का जयघोष भी किया गया. सरकार और प्रशासन की ओर से पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई. इस मौके पर कांग्रेस शहर जिला अध्यक्ष रविंद्र त्यागी प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव पंकज मेहता, प्रशासनिक अधिकारियों में एडीएम नरेंद्र कुमार जैन, लाडपुरा तहसीलदर गजेंद्र सिंह सिसोदिया, और शहर के गणमान्य नागरिक इस मौके पर खांडेकर को अंतिम विदाई देने पहुंचे.

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खांडेकर 8 जून 1926 को बारां में पैदा हुए थे. साल 1942 में उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में छात्र आंदोलन कर्ता के रूप में भाग लिया था. बारां में हाईस्कूल के प्रधानाध्यापक ने उन्हें इसके लिए दंडित भी किया था. उनकी हिस्ट्री शीट तैयार की गई. हालांकि उन्होंने उस हिस्ट्रीशीटर को अन्य साथियों के साथ मिलकर एक रात स्कूल से निकाली और उसे जला दिया था. साल 1946 47 में उन्होंने मध्यप्रदेश में जाता डेड बस स्टॉप आदिवासी क्षेत्र में अशिक्षित अभावग्रस्त आदिवासियों की स्थिति को सुधारने का कार्य किया. देश की आजादी के बाद 1952 में पहले आम चुनाव के दौरान उन्हे कांग्रेस का जिला प्रमुख बनाया गया. 1953 में उन्होंने गुजरात के आनंद में रहकर सामाजिक कार्य किए.

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