कोटा. कोरोना काल के चलते धार्मिक आयोजन फीके पड़ने लगे हैं. ऐसे में शनिवार को पूरे देश में गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी. कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इस साल घरों में ही गजानंद विराजमान होंगे. राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुसार इस बार बड़े पंडाल नहीं सजेंगे. कोटा के प्रशिद्ध प्राचीन खड़े गणेश जी मंदिर पर तीन दिवसीय मेले का आयोजन पिछले कई वर्षों से लगता आ रहा है, जिसे इस साल कोरोना संकट के चलते निरस्त कर दिया गया है.
मंदिर में श्रद्धालु का प्रवेश निषेध दर्शनार्थियों की लगती है लंबी कतार
प्राचीन खड़े गणेश जी मंदिर पर गणेश चतुर्थी पर एक दिन पहले मध्यरात्रि को दर्शनार्थियों की लंबी कतारें लग जाती थी. जिसमे लोगों को गणेश जी के दर्शनों के लिए घंटों लाइन में लगकर दर्शनों का इंतजार करना पड़ता था.
नहीं सजेंगे बड़े पंडाल
कोटा में 10 दिवसीय गणेश महोत्सव पूरा धूमधाम से मनाया जाता है. सैकड़ों की संख्या में छोटे-बड़े पंडाल सजाए जाते थे और 10 दिनों तक भव्य आयोजन होते थे, लेकिन इस वर्ष कोरोना के कारण सभी आयोजन निरस्त कर दिए गए हैं. वहीं जिला प्रशासन की गाइडलाइन के अनुसार अब घरों में ही गजानंद विराजमान होंगे.
प्राचीन खड़े गणेश जी के मुख्य पुजारी ने बताया कि दर्शनार्थियों के लिए मंदिर बंद रहेगा. वहीं मध्यरात्रि को भगवान का पंचमर्त से स्नान करा स्वर्ण श्रंगार किया जाएगा. सरकार की गाइडलाइन के अनुसार मंदिर बंद रहने से श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद रहेगा. यहां सिर्फ पंडित और कर्मचारी ही आ-जा सकेंगे.
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दर्शनार्थियों ने बताया कि इस बार कोरोना ने मंदिर बंद करवा दिए हैं. अब घरों में ही रहकर गणेश जी की दस दिनों तक पूजा-अर्चना करेंगे और प्रार्थना करेंगे कि जल्द से जल्द इस कोरोना महामारी को भगाए.