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SPECIAL : कपड़े के मास्क के छेद से कई गुना छोटा है कोविड-19 का वायरस, सतर्कता ही है इसका बचाव - Corona virus protection

कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद अब सब कुछ अनलॉक हो गया है. ऐसे में लगातार पॉजिटिव कैसे बढ़ते जा रहे हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि अब ऐसी स्थिति हो गई है कि हमें खुद की सुरक्षा स्वयं ही करनी होगी. उनका कहना है कि हमें अब पहले से ज्यादा सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए. सरकार की ओर से जो गाइडलाइन जारी की गई है उसका हम नियामानुसार पालन करेंगे तो हम इस वायरस के संक्रमण से बच सकते हैं.

Corona Guideline Cradle,  How to protect against corona virus
सतर्कता ही बचाव

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Published : Sep 19, 2020, 9:18 PM IST

कोटा. कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद अब सब कुछ अनलॉक हो गया है. ऐसे में लगातार पॉजिटिव कैसे बढ़ते जा रहे हैं और कोविड-19 का खतरा काफी ज्यादा हो गया है, आम जरूरतों और आवश्यक कार्यों के लिए लोगों को ट्रैवल भी करना पड़ रहा है. इसके अलावा मार्केट में भी जाना पड़ रहा है, यहां तक कि उन्हें ऑफिस और अन्य जगह भी अपने कार्य के लिए जाना मजबूरी है, इसी को देखते हुए ईटीवी भारत ने कोटा मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ निर्मल कुमार शर्मा और प्रीवेंटिव सोशल मेडिसिन की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ प्रीति गुप्ता से बात की.

सतर्कता ही बचाव

एक्सपर्ट का मानना है कि एयरबोर्न ट्रांसमिशन जैसी स्थिति है. ऐसे में जो मास्क लगाया जा रहा है, उसे काफी ध्यान से लगाना होगा. लोग मास्क को भी फैशनेबल लगा रहे हैं जो काम नहीं करता है. जरूरत ऐसी है कि सर्जिकल मास्क को लगाया जाए या फिर कपड़े वाले मास्क में टिशू पेपर रखकर ही उसका उपयोग किया जाए. उनका कहना है कि अब ड्रॉपलेट इनफेक्शन से नहीं बचना है, वायरस हवा में तैर रहा है और उससे बचने जैसी स्थिति आ गई है.

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रोज बदले मास्क

एक्सपर्ट के अनुसार मास्क रोज धुला हुआ पहने और रोज मास्क बदले ये भी जरूरी है. इसी तरह मास्क से नाक, मुंह और ठोड़ी को पूरा ढक कर रखें. गमछा और साड़ी का उपयोग कम से कम किया जाए क्योंकि वह बार-बार खुल जाते हैं और उनमें छेद भी बड़े होते हैं. जबकि वायरस उससे काफी गुना छोटा होता है. उनका कहना है कि वायरस बहुत छोटा पार्टिकल में होता है. वायरस मास्क के छेद से आसानी से आना जाना कर सकता है. ऐसे में वह हमारी श्वसन प्रणाली में जा सकता है. कपड़े का मास्क लगाते हैं तो सर्जिकल मास्क लगाएं या फिर टिशू पेपर लगाकर उपयोग करें. गले की इम्युनिटी कमजोर नहीं होने दें.

बाजार में उपलब्ध मास्क

डॉ. निर्मल कुमार शर्मा का कहना है कि गले में इम्यूनिटी भी बढ़ानी चाहिए, जबकि लोग अभी गर्मी थोड़ी सी लगती है और वे बाजार में ठंडे पेय का सेवन कर लेते हैं. इससे हमारे गले का टेंपरेचर 98.6 F के आसपास रहता है, जो कि शीतल पेय पीने से 10 से 12 डिग्री सेलसियस पर पहुंच जाता है. ऐसे में गले में इम्युनिटी कम हो जाता है और जब वायरस गले में पहुंचता है तो उसे आसानी से अटैक करने का मौका मिलता है. शर्मा का कहना है कि वायरस संक्रमण का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है.

प्रोवोडीन आयोडीन से गरारे किए तो 4 घंटे वायरस से बचाव

एक्सपर्ट डॉक्टर का कहना है कि प्रोवोडीन आयोडीन या आयोडीन सॉल्यूशन का माउथवॉश आसानी से बाजार में सस्ते दामों पर उपलब्ध रहता है. इस माउथवॉश और पानी की आधी-आधी मात्रा मिलाकर गरारे करने से गले को 3 से 4 घंटे का प्रोटेक्शन मिल जाता है. यह प्रोवोडीन आयोडीन गरारे करने के बाद गले में कोटिंग कर देता है. इससे वायरस का असर कमजोर पड़ जाता है.

कोरोना गाइडलाइन की अवहेलना

बाजू फैला कर देखें... उतनी दूरी तक कोई भी आदमी नहीं होना चाहिए

डॉ. प्रीति गुप्ता का कहना है कि दूरी बनाकर रखनी है. इसमें हम देख सकते हैं कि दोनों हाथ का फैलाव कितना है. इस दूरी पर कोई भी व्यक्ति नहीं होना चाहिए. आपके आसपास कोई व्यक्ति चलना नहीं चाहिए. साथ ही बस और ट्रेन में भी इतने नजदीक नहीं बैठना चाहिए. नमी का वातावरण और मौसम है और वायरस का लोड काफी ज्यादा है, तब तक अत्यधिक आवश्यकता होने पर ही घर से बाहर निकलें.

उनका कहना है कि जब घर से बाहर निकले तो बुजुर्गों का ख्याल जरूर रखें. देखने में आ रहा है कि जो टारगेट पोपुलेशन है वह 60 साल से ऊपर की है, जिनमें ब्लड प्रेशर, हार्ट डिजीज, डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियां हैं.

खिड़की खोल कर ही करें सफर

हमें छोटे से बड़े आवश्यक कार्य के लिए सफर भी करना पड़ता है. ऐसे में ऑफिस, दुकान, ट्रेन या बस में कहीं भी जाना हो तो ध्यान रहे जल्दबाजी नहीं करें. सार्वजनिक उपयोग के वाहनों में चढ़ते और उतरते समय भी लोगों से दूरी बनाए रखें. यह ध्यान रखें कि अगर दुकान में कोई व्यक्ति खड़ा है तो हम धैर्य बनाकर बाहर खड़े रहें. वहीं, बस ट्रेन या दुकान में जाते हैं तो यह ध्यान रखें कि खिड़कियां खुली रहे. बस और ट्रेन की खिड़कियां खुली रहना काफी जरूरी है.

मास्क की खरीददारी

तय दुकानदार से परचेज हो, होम डिलीवरी मिले तो बेहतर

कोविड-19 का दौर चल रहा है. ऐसे में हमें एक दुकानदार को तय कर लेना चाहिए, जिस दुकानदार से हम अपना खाता भी खोल लें, ताकि हमें अनावश्यक सामान लेने बाहर नहीं जाना पड़े. दुकानदार को सूची भेज दी जाए और वह सामान पैक कर ले और फिर पैक बॉक्स को लेकर आ जाएं. इसके अलावा दुकानदार तय करने पर होम डिलीवरी भी मिल जाए तो बेहतर होगा.

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बाजार से लाने वाले सामान यानी सब्जियां और अन्य सब को ठीक से धो लें, उसके बाद ही उपयोग में लें. जो सामान खराब नहीं हो सकता है, उन्हें तीन से चार दिन के लिए रख दें और उसके बाद ही उन्हें हाथ लगाएं और उपयोग में लें. बाजार से वापस आते ही मास्क धोएं और बाजार में आपने पूरा प्रिकॉशन रखें. इसके बावजूद भी घर आते ही कपड़े धोने चाहिए. साथ ही मास्क को भी धोना चाहिए.

मास्क

एक्सपर्ट का कहना है कि इस कोविड-19 के दौर में पान, गुटखा, तंबाकू और सभी गैर जरूरी चीजों का सेवन तो करना ही नहीं चाहिए. इसके अलावा सामान्य रूप से थूकना भी नहीं चाहिए. इससे बीमारी हमारे पास दोबारा आ सकती है.

खुले पैसे लेकर ही जाएं भीड़भाड़ हो तो दूर रहें

आप किसी भी सरकारी ऑफिस बिजली या नगर निगम में अपने काम से जाते हैं, तो सुरक्षा का ध्यान रखना जरूरी होगा. आवश्यक रूप से भीड़-भाड़ वाली जगह नहीं जाएं. खुली हवा में इंतजार करें, जब हमारा नंबर आए, तब ही भीड़-भाड़ वाली जगह जाएं. अनावश्यक इधर-उधर दीवारों को हाथ नहीं लगाएं. नल और बिजली के जो बिल है, अगर उन्हें ऑनलाइन जमा नहीं करवा पा रहे हैं तो आसपास के नजदीकी सेंटर पर ही जाकर जमा करवाएं.

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