कोटा. कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद अब सब कुछ अनलॉक हो गया है. ऐसे में लगातार पॉजिटिव कैसे बढ़ते जा रहे हैं और कोविड-19 का खतरा काफी ज्यादा हो गया है, आम जरूरतों और आवश्यक कार्यों के लिए लोगों को ट्रैवल भी करना पड़ रहा है. इसके अलावा मार्केट में भी जाना पड़ रहा है, यहां तक कि उन्हें ऑफिस और अन्य जगह भी अपने कार्य के लिए जाना मजबूरी है, इसी को देखते हुए ईटीवी भारत ने कोटा मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ निर्मल कुमार शर्मा और प्रीवेंटिव सोशल मेडिसिन की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ प्रीति गुप्ता से बात की.
एक्सपर्ट का मानना है कि एयरबोर्न ट्रांसमिशन जैसी स्थिति है. ऐसे में जो मास्क लगाया जा रहा है, उसे काफी ध्यान से लगाना होगा. लोग मास्क को भी फैशनेबल लगा रहे हैं जो काम नहीं करता है. जरूरत ऐसी है कि सर्जिकल मास्क को लगाया जाए या फिर कपड़े वाले मास्क में टिशू पेपर रखकर ही उसका उपयोग किया जाए. उनका कहना है कि अब ड्रॉपलेट इनफेक्शन से नहीं बचना है, वायरस हवा में तैर रहा है और उससे बचने जैसी स्थिति आ गई है.
रोज बदले मास्क
एक्सपर्ट के अनुसार मास्क रोज धुला हुआ पहने और रोज मास्क बदले ये भी जरूरी है. इसी तरह मास्क से नाक, मुंह और ठोड़ी को पूरा ढक कर रखें. गमछा और साड़ी का उपयोग कम से कम किया जाए क्योंकि वह बार-बार खुल जाते हैं और उनमें छेद भी बड़े होते हैं. जबकि वायरस उससे काफी गुना छोटा होता है. उनका कहना है कि वायरस बहुत छोटा पार्टिकल में होता है. वायरस मास्क के छेद से आसानी से आना जाना कर सकता है. ऐसे में वह हमारी श्वसन प्रणाली में जा सकता है. कपड़े का मास्क लगाते हैं तो सर्जिकल मास्क लगाएं या फिर टिशू पेपर लगाकर उपयोग करें. गले की इम्युनिटी कमजोर नहीं होने दें.
डॉ. निर्मल कुमार शर्मा का कहना है कि गले में इम्यूनिटी भी बढ़ानी चाहिए, जबकि लोग अभी गर्मी थोड़ी सी लगती है और वे बाजार में ठंडे पेय का सेवन कर लेते हैं. इससे हमारे गले का टेंपरेचर 98.6 F के आसपास रहता है, जो कि शीतल पेय पीने से 10 से 12 डिग्री सेलसियस पर पहुंच जाता है. ऐसे में गले में इम्युनिटी कम हो जाता है और जब वायरस गले में पहुंचता है तो उसे आसानी से अटैक करने का मौका मिलता है. शर्मा का कहना है कि वायरस संक्रमण का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है.
प्रोवोडीन आयोडीन से गरारे किए तो 4 घंटे वायरस से बचाव
एक्सपर्ट डॉक्टर का कहना है कि प्रोवोडीन आयोडीन या आयोडीन सॉल्यूशन का माउथवॉश आसानी से बाजार में सस्ते दामों पर उपलब्ध रहता है. इस माउथवॉश और पानी की आधी-आधी मात्रा मिलाकर गरारे करने से गले को 3 से 4 घंटे का प्रोटेक्शन मिल जाता है. यह प्रोवोडीन आयोडीन गरारे करने के बाद गले में कोटिंग कर देता है. इससे वायरस का असर कमजोर पड़ जाता है.
बाजू फैला कर देखें... उतनी दूरी तक कोई भी आदमी नहीं होना चाहिए
डॉ. प्रीति गुप्ता का कहना है कि दूरी बनाकर रखनी है. इसमें हम देख सकते हैं कि दोनों हाथ का फैलाव कितना है. इस दूरी पर कोई भी व्यक्ति नहीं होना चाहिए. आपके आसपास कोई व्यक्ति चलना नहीं चाहिए. साथ ही बस और ट्रेन में भी इतने नजदीक नहीं बैठना चाहिए. नमी का वातावरण और मौसम है और वायरस का लोड काफी ज्यादा है, तब तक अत्यधिक आवश्यकता होने पर ही घर से बाहर निकलें.