कोटा. JEE MAIN फरवरी 2021 परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ. देशभर में 6 बच्चे ऐसे हैं, जो 100 परसेंटाइल लेकर टॉप रहे हैं. इनमें से मुंबई के रहने वाले सिद्धांत मुखर्जी भी शामिल है, जो 2019 से ही कोटा में रहकर कोचिंग कर रहे हैं. ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में उन्होंने अपनी सफलता का राज बताया है. उन्होंने कहा कि कोटा की कोचिंग और पढ़ाई के जरिए ही वह सफल हो पाए हैं. कोटा में जो पढ़ाई का माहौल मिलता है, उसके बदौलत उन को अच्छी सफलता मिल पाई. सिद्धांत ने बताया कि उनके पास कैंब्रिज और इंपीरियल से स्टडी का ऑफर लेटर आया हुआ है. सिद्धांत का कहना है कि उनका अभी तो टारगेट आईआईटी मुंबई में कंप्यूटर साइंस ब्रांच है. इसके लिए जेईई एडवांस में भी अच्छे नंबर लाने होंगे. इसके लिए वह मेहनत कर रहे हैं.
जेईई मेन फरवरी टॉपर सिद्धांत मुखर्जी से खास बातचीत... समय की कीमत समझी...
सिद्धांत ने कहा कि कोटा में स्टडी के लिए फैकल्टी भी काफी अच्छी है, यहां पीयर ग्रुप जो मिलता है, वह भी काफी अच्छा रहता है. पीयर ग्रुप में भी हमारा परफॉर्मेंस लगातार मॉनिटरिंग होता है. हम अपने दोस्तों के बीच जो कंपटीशन करते हैं, उससे भी मदद मिलती है. सिद्धांत का कहना है कि कभी-कभी एग्जाम में अच्छा नंबर नहीं आए, लेकिन हम हताश नहीं हुए और लगातार मेहनत की. उन्होंने कहा कि पढ़ाई के दौरान दो साल में हर दिन कीमती था, इसलिए समय बर्बाद नहीं किया. बता दें कि कोटा में सिद्धांत अपनी नानी श्रीपर्णा के साथ रहता था. उनका कहना है कि इसे कभी-कभी स्ट्रेस हो जाया करता था, लेकिन कभी-कभी स्ट्रेस भी पढ़ाई के दौरान हो जाता है. उसे 11 मैथ्स में काफी प्रॉब्लम हुआ था, उसे सब कुछ टीचर्स की मदद से हैंडल किया.
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मुंबई के बड़े स्कूल से कोटा आना मुश्किल था...
सिद्धांत के पिता संदीप का कहना है कि वे भी पहले काफी डरे हुए थे, क्योंकि सिद्धांत मुंबई के एक बड़े स्कूल में पढ़ता है और वहां से जो बच्चे पढ़ते हैं, वे विदेश की पढ़ाई के लिए आगे जाते हैं. कोटा को लेकर काफी गलत बातें उन्होंने सुनी थी, लेकिन जब कोटा आकर बच्चे ने पढ़ाई की और यहां पर जो माहौल देखा है. उनका कहना है कि देश भर में ऐसा माहौल कहीं भी नहीं है, जिससे यहां पर लोग को कोऑपरेट कर बच्चे को आगे बढ़ाने का प्रयास करते हैं, वैसा कहीं भी नहीं है. उनका कहना है कि पढ़ाई के दौरान ही कोविड-19 आ गया और लॉकडाउन लग गया. इस दौरान वह सिद्धांत को मुंबई ले गए, लेकिन उनकी बुक कोटा ही छूट गई, जिनके लिए उन्हें कोई मशक्कत नहीं करनी पड़ी. क्योंकि, यहां के लोगों ने उनका पूरा सहयोग किया और उनकी बुक्स कोरियर करते हुए वहां पर पहुंचा दी. सिद्धांत की मां नबनीता का कहना है कि लॉकडाउन में ऑनलाइन क्लासेज में समस्या तो थोड़ी सी आई, लेकिन सिद्धांत ने काफी मेहनत की और कोटा की कोचिंग संस्थान से जो उसे मदद मिली, इसके चलते ही यह सक्सेज मिली है.
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कोटा के निजी कोचिंग संस्थान के निदेशक नवीन माहेश्वरी का कहना है कि लॉकडाउन में ऑनलाइन ही पढ़ाई कोटा में देश भर में कराई है. इस बार उनके कोचिंग संस्थान के 4 बच्चे 100 परसेंटाइल लेकर आए हैं, जो काफी अच्छा परिणाम है. पहले भी एकाध बच्चे के इस तरह के नंबर आते रहे हैं, कोरोना काल में जो कोटा में बच्चों को संभाला है. उन्हें घरों पर वापस सुरक्षित भेजा है, आज उसी का फल मिला है. कोटा की कोचिंग को जो कुछ नुकसान हुआ था, उसकी भरपाई और संबल जरूर इससे मिलेगा.