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Reality Check on Hindi Diwas: हिन्दी के कई शब्दों के मतलब नहीं बता सके विद्यार्थी, बोले- 'सॉरी सर, ये तो नहीं पता'

देश में 14 सितंबर हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है. हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए सरकारी कामकाज को भी हिन्दी में करने के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है. आधुनिकता के इस दौर में अंग्रेजी हावी होती जा रही है. ऐसे में आज ईटीवी भारत ने कोटा के कुछ स्कूलों में हिन्दी के बारे में बच्चों को कितना पता है इसके लिए रियल्टी चेक किया तो चौंकाने वाले मामले सामने आए.

etv bharat reality check
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Published : Sep 14, 2022, 4:43 PM IST

कोटा. देश में हिन्दी को राज भाषा का दर्जा प्राप्त है और आधे से ज्यादा राज्यों में इसे बोला जाता है. हर साल 14 सितंबर को देश में हिंदी दिवस मनाया जाता है. भारत में बोली जाने वाली भाषाओं में हिंदी सर्वाधिक स्थान पर बोली जाती है. बीते कुछ सालों से अंग्रेजी के कुछ शब्द हिंदी में पूरी तरह से घुल-मिल गए हैं. अंग्रेजी के यह शब्द इतने आम हो गए हैं कि इनका हिन्दी में प्रयोग होना ही बंद हो गया है. इन्हीं शब्दों के प्रयोग के कारण हिंदी भाषा को कुछ हद तक हिंग्लिश का रूप दे दिया गया है.

हालात ये हैं कि ऐसे कई शब्द हैं जिनका हिंदी अर्थ ही हम लगभग भूल गए हैं. हिंदी दिवस पर आज कोटा गवर्नमेंट कॉलेज (reality check in kota government school) और जेडीबी गर्ल्स कॉलेज में ईटीवी भारत ने रियलिटी चेक (Reality Check on Hindi Diwas) किया. विद्यालय पहुंची ईटीवी भारत की टीम ने छात्र-छात्राओं से अंग्रेजी के कुछ शब्दों का हिन्दी में मतलब पूछा तो उनका जवाब था 'सॉरी सर यह तो नहीं आता है'. कुछ छात्राओं ने कहा कि हम तो इन शब्दों का अंग्रेजी में ही इस्तेमाल कर लेते हैं. इसलिए इनका हिंदी में अर्थ नहीं पता है. कुछ ने गलत जवाब भी दिया.

हिन्दी दिवस पर विशेष

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हमने जानना चाहा कि विद्यार्थी कुछ अंग्रेजी के शब्दों को हिंदी में भी समझते हैं या नहीं. उनसे जब अंग्रेजी के कुछ शब्दों को हिन्दी में पूछा गया तो वे जवाब नहीं दे सके. कुछ शब्दों को हिंदी में पूछा और उनका अंग्रेजी अनुवाद जानना चाहा तो उन्होंने उस शब्द को पहचानने से ही मना कर दिया. प्रवर्तन निदेशालय नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक जैसे शब्द उन्होंने कभी सुने ही नहीं थे.

अंग्रेजी और हिन्दी के जिन शब्दों के बारे में उनसे पूछा गया वे थे कंप्यूटर, मेंटेनेंस, रखरखाव या संधारण, इनोवेशन, समायोजन, कैशियर, अकाउंटेंट, एग्जीक्यूशन आदि शामिल थे. वहीं प्रवर्तन निदेशालय जिसे इंफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक जिसे कंट्रोलर ऑडिटर जनरल (कैग)के बारे में भी बच्चे कुछ नहीं बता सके.

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