कोटा.परिवहन विभाग ने बच्चों को स्कूल से लाने ले जाने में लगी बाल वाहिनी और अन्य वाहनों की जांच की. जिसमें सामने आया कि इन वाहनों में नन्हे मुन्ने की जान खतरे में है. सड़कों पर दौड़ रही निजी स्कूलों की बसों में बाल वाहिनी के परमिट की शर्तों की अवहेलना हो रही थी. कई बसें तो ऐसी थी जो स्टेट कैरिज के परमिट से चलाई जा रही थी और उनमें बच्चे भरकर स्कूल से लाने ले जाने का काम कर रही थी. इनमें बाल वाहिनियों को संचालन करने के लिए बनाई गई गाइडलाइन की पालना नहीं हो रही थी. हालात ऐसे हैं कि आरटीओ की टीम में 12 से ज्यादा वाहनों की जांच की. जिनमें से पांच वाहनों में गंभीर खामियां मिली है. साथ ही एक वाहन चालक वैन को भगाकर ले गया. जिसका पंचनामा घर पर भेजा जाएगा.
कोटा से केशोरायपाटन का स्टेट कैरिज परमिट चल रही बाल वाहिनी में
घटोत्कच सर्किल पर परिवहन विभाग ने एक बस को रुकवा जांच की तो सामने आया कि उसमें बच्चे बैठे हुए थे. जब बच्चों से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि रोज इसी बस से स्कूल जाते और आते हैं. ऐसे में जब कागजातों की जांच की तो सामने आया कि बस के पास बाल वाहिनी का परमिट नहीं है. उसके पास स्टेट कैरिज का परमिट है, जो कोटा से केशोरायपाटन का है. जबकि बस बाल वाहिनी का काम कर रही है. इसी तरह से अनंतपुरा क्षेत्र के एक स्कूल कि बस को आरटीओ टीम ने रुकवाया तो, उसमें भी इसी तरह की बात सामने आई. बस को स्टेशन से लेकर अनंतपुरा तक का परमिट है, लेकिन वह बच्चों को लाने ले जाने का काम कर रही है. इन बसों में बाल वाहिनी को लाने ले जाने का एक भी नियम की पालना नहीं हो रही थी.
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एक माह पहले चेताया फिर भी तोड़ रहा नियम
वहीं इंद्र विहार स्थित एक स्कूल की बाल वाहिनी बस को जुलाई माह में भी नियम तोड़ते हुए परिवहन विभाग की टीम ने पकड़ा था. उसके पास बाल वाहिनी का परमिट नहीं था. साथ ही पंचनामा और चालान बनाते हुए सुधार के निर्देश दिए थे. एक महीने बाद फिर जब परिवहन विभाग ने बस को रुकवा कर जांच की, तो परमिट ड्राइवर के पास नहीं था. साथ वर्दी में भी नहीं था.