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Exclusive: अगर लोगों ने अपना बचाव नहीं किया तो अस्पताल में बेड बढ़ाने से काम नहीं चलेगा: डॉ. विजय सरदाना

कोटा में कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. शनिवार को ईटीवी भारत ने कोटा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि अस्पताल में ऑक्सीजन के जितने भी पॉइंट हैं, वह फुल हैं. उन्होंने कहा कि अगर लोगों ने अपना बचाव नहीं किया तो बेड बढ़ाने से भी काम नहीं चलेगा.

Vijay Sardana Interview,  Kota Medical College
कोटा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना

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Published : Apr 24, 2021, 10:46 PM IST

कोटा.प्रदेश में कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. कोरोना के मरीजों में बढ़ोतरी के कारण मेडिकल कॉलेज के हॉस्पिटल भी फुल हो गए हैं. हॉस्पिटलों में मरीजों की भर्ती रोक दी गई है, अभी केवल गंभीर मरीजों को ही अस्पताल में जगह दी जा रही है. अस्पताल में ऑक्सीजन के जितने भी पॉइंट हैं, वह फुल है.

कोटा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से खास बातचीत-1

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शनिवार को ईटीवी भारत ने कोटा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना से बातचीत की. उन्होंने कहा कि कोरोना के दूसरे लहर में मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. उन्होंने कहा कि युवा मरीज भी इसमें काफी संख्या में सामने आ रहे हैं. संख्या बढ़ने के साथ अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या भी बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि मरीजों के प्रतिशत में ज्यादा बदलाव नहीं है.

सरदाना ने कहा कि रिकवरी वाले मरीज भी काफी अच्छी संख्या में आ रहे हैं. पॉजिटिव मरीजों में से केवल 5 फीसदी को ही अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत हो रही है. इनमें से भी अधिकांश मरीज रेमडेसिविर इंजेक्शन लगवाने के लिए आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि एक साथ ही संक्रमित मरीजों का नंबर बढ़ा है, इसके कारण भर्ती होने वाले रोगियों की संख्या भी बढ़ गई है. लेकिन, पॉजिटिव मरीजों से भर्ती होने वाले मरीजों का प्रतिशत नहीं बढ़ा है.

विजय सरदाना ने कहा कि संक्रमण फैलने की गति काफी ज्यादा है. अगर लोगों ने अपना बचाव नहीं किया तो बेड बढ़ाने से भी काम नहीं चलेगा. उन्होंने कहा कि जितने भी इंतजाम कर लें और कम पड़ सकते हैं. लेकिन दूसरी तरफ हमें तैयारी भी पूरी रखनी होगी. ज्यादा से ज्यादा मरीजों को किस तरह से मैनेज किया जाए उसके लिए तैयारी करना चाहिए.

कोटा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से खास बातचीत-2

रिकवरी का प्रतिशत अभी कम

डॉ. सरदाना ने कहा कि जो रोगी ठीक हो रहे हैं उनका प्रतिशत पहले कम होता है, लेकिन बाद में रिकवरी फीसदी में भी बढ़ोतरी हो रही है. अधिकांश रोगी एसिंप्टोमेटिक ही हैं, ये जल्दी ठीक भी हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि लोगों को कोरोना गाइडलाइन का पालना करना चाहिए. उन्होंने कहा कि लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालना करना चाहिए और मास्क लगाकर रखना चाहिए.

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सरदाना ने कहा कि अब कोरोना वायरस एयरबोर्न हो गया है. मास्क की जरूरत और ज्यादा बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से जो गाइडलाइन बनाई गई है वह लोगों की हितों के लिए है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए सरकार की ओर जन अनुशासन पखवाड़ा लगाया गया है. अगर लोग जन अनुशासन पखवाड़ा की पालना करेंगे तो कोरोना के मामलों में कमी हो सकती है.

अस्पताल की लिमिट है...ऑक्सीजन सीमित है

सरदाना ने कहा कि अस्पताल प्रशासन के पास ऑक्सीजन की मात्रा सीमित है. इसलिए सिर्फ ऑक्सीजन पर निर्भर रहने वाले मरीजों को ही भर्ती किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट से भी सीमित मात्रा में ही ऑक्सीजन का उत्पादन होता है. इन सब चीजों को ध्यान में रखते हुए अस्पताल में सीमित संख्या में ही मरीजों को भर्ती किया जा रहा है.

विजय सरदाना ने कहा कि आगामी समय में हमारे पास ऑक्सीजन सपोर्ट बढ़ेगा तो हम ज्यादा रोगियों की मदद कर सकेंगे. जहां तक बेड बढ़ाने का मामला है तो एमबीएस अस्पताल जो नॉन कोविड-19 था, वहां भी 78 बेड रिजर्व किए गए हैं. इसके अलावा रेलवे हॉस्पिटल में भी 40 मरीजों को भर्ती किया गया है. मेडिकल कॉलेज के एग्जामिनेशन हॉल में 50 कोविड-19 बेड डे केयर के लिए उपयोग किए जा रहे हैं. वहीं, 50 बेड पर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के जरिए मरीजों को भर्ती भी रखा गया है. इसके अलावा जिला प्रशासन ने कोटा विश्वविद्यालय के एकेडमिक बिल्डिंग को भी अधिग्रहित किया है.

लगातार सुविधा बढ़ाने के बाद भी है कमी

डॉ. सरदाना ने कहा कि पिछले साल कोरोना के साथ ही हमारे संस्थान में ऑक्सीजन प्रोडक्शन और डिलीवरी सिस्टम में काफी सुधार हुआ है. नए चार ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट स्वीकृत किए गए थे और आज चारों प्लांट चालू हालात में है. लिक्विड ऑक्सीजन का स्टोरेज टैंक इंस्टाल हुआ है उसको शुरू करना बाकी है. उन्होंने कहा कि एक बिल्डिंग में एक करोड़ की लागत से ऑक्सीजन पाइपलाइन लगाई गई है. दूसरे फ्लोर पर 6 करोड़ की लागत से 270 बेड ऑक्सीजन लाइन का काम जारी है, जिसमें 70 बेड का आईसीयू होगा. साथ ही 200 नॉर्मल ऑक्सीजन बेड होगा.

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विजय सरदाना ने कहा कि जब कोविड-19 शुरू हुआ था तब कोटा मेडिकल कॉलेज के पास 216 सिलेंडर था, लेकिन अभी नए अस्पताल में ही 1154 सिलेंडर हैं. साथ ही एमबीएस अस्पताल के पास भी 320 सिलेंडर है. इसके अलावा 950 सिलेंडरों का ऑर्डर हमने दिया हुआ है, उसके आने के बाद और सुधार होगा. उन्होंने कहा कि 100 ऑक्सीजन सिलेंडर हमने खरीदे थे. इसके बाद 200 का हमने ऑर्डर दिया है, जो अगले सप्ताह मिल सकती है.

सड़क पर भी लड़नी होगी कोरोना की लड़ाई

डॉ. विजय सरदाना ने बताया कि अस्पताल के साथ-साथ सड़क पर भी यह लड़ाई लड़नी चाहिए. हमें कोविड से बचाव की गाइडलाइन की पालना करना चाहिए. उन्होंने लोगों से अपील की कि लोगों को कोरोना वैक्सीनेशन आगे आकर लगवाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अमेरिका में जहां पहले बड़ी संख्या में कोरोना मरीज थे वहां पर भी कोरोना कंट्रोल में है क्योंकि बड़ी संख्या में जनता ने वैक्सीन लगवा ली है. हमें भी वैक्सीनेशन के जरिए कोरोना को कंट्रोल करना होगा.

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