कोटा.शहर में कोविड-19 पॉजिटिव एक मरीज को अस्पताल से बाहर निकाल देने का मामला सामने आया है. ये मामला रेलवे अस्पताल का है. जहां पर गुरुवार को एक कोविड-19 महिला दिखाने पहुंची थी. जहां पर उसे अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया. साथ ही निजी अस्पताल के लिए भी उसे रेफर नहीं किया गया है.
घटना के बाद इलाज के इंतजार में महिला अस्पताल के बाहर ही बैठी रही. इससे अन्य मरीजों को भी कोविड-19 संक्रमण का खतरा पैदा हो गया है. साथ ही अस्पताल प्रबंधन भी इस मामले में किसी भी तरह की कोई जानकारी देने से बच रहा है.
परिजनों ने बताया कि रेलवे यार्ड में कार्यरत ग्रेड सैंकंड फीडर महावीर कॉलोनी भदाना रोड पर रहता है. उसकी 35 वर्षीय पत्नी की 3 दिन पहले तबीयत खराब हुई. इसके बाद रेलवे अस्पताल के चिकित्सकों ने कोविड-19 की जांच की सलाह दी थी. जिसके बाद कोरोना रिपोर्ट गुरुवार को पॉजिटिव आई. रेलवे कार्मिक अपनी पत्नी को लेकर आज सुबह 9 बजे रेलवे हॉस्पिटल पहुंचा, लेकिन वहां के चिकित्सकों ने उसकी पत्नी को कोविड-19 पॉजिटिव होने का हवाला देते हुए अस्पताल से बाहर बैठा दिया.
रेलवे कार्मिक ने कहा कि उसकी पत्नी को नियमों के अनुसार निजी अस्पताल में रेफर कर दिया जाए, लेकिन उसे रेफर भी नहीं किया गया और कहा कि वो मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में जाएं. वहां पर ही इलाज करवाएं. इस पर रेलवे कार्मिक ने कहा कि वहां पर तो सीधा भी जाया जा सकता है, लेकिन जब मैं रेलवे कार्मिक हूं और मुझे निजी अस्पताल में उपचार की सुविधा भी मिली हुई है, तो वहां पर रेफर कीजिए.
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इस पर रेलवे के चिकित्सा अधिकारी बहस करते रहे और उसे रेफर नहीं किया. आनन-फानन में बाहर धूप में बैठी कोविड-19 पॉजिटिव महिला की तबीयत और बिगड़ने लगी तो, रेलवे कार्मिक अपनी पत्नी को लेकर वापस दोपहर 1:30 बजे घर पहुंच गया. सुबह 9 बजे से लेकर साढ़े 4 घंटे तक महिला अस्पताल के बाहर ही बैठी रही.
मामले में ईटीवी भारत से फोन पर बातचीत के दौरान पॉजिटिव आई महिला के रेलवे कार्मिक पति ने कहा कि वो चिकित्सकों से बातचीत में ही जुटा हुआ था. साथ ही कई बार गिड़गिड़ाया, लेकिन उसकी बात नहीं मानी गई. जब थोड़ी सी बहस चिकित्सकों से हुई, तो एक महिला चिकित्सक ने उसे धमकी दी कि पुलिस को बुला कर दोनों को गिरफ्तार करवा दिया जाएगा. ऐसे में वह फिर अपने घर पत्नी को लेकर आ गया.