कोटा. पेट्रोल और डीजल के दाम (Petrol-Diesel Price) लगातार आसमान छू रहे हैं और रोज नया रिकॉर्ड बना रहे हैं. डीजल भी करीब 100 रुपये लीटर के आस-पास आ गया है. इसके चलते बसों को भी उनके संचालक सीएनजी किट (CNG KIT) फिट कर चलवा रहे हैं. अब राजस्थान में भी इसका क्रेज बढ़ने लगा है, जिसकी शुरुआत कोटा में हो चुकी है.
दरअसल, कोटा में ही प्रदेश का पहला भारी वाहनों (Heavy Vehicle) में सीएनजी किट फिट करने का सेंटर खुला है और दो बसों में यह किट फिट कर दिए गए हैं. जबकि अन्य जगह से एसी बसें खरीद कर कोटा लाई गई हैं, जिनमें पहले से सीएनजी किट फिट हैं, जो कि कई रूटों पर संचालित हो रही हैं. यहां तक कि कोटा में सबसे पहले सीएनजी किट की बस लगाने का काम अभी एक बस ऑपरेटर ने किया है. उनका कहना है कि वे 10 साल से इस तरह की बसों को कोटा में संचालित कर रहे हैं.
अभी कई ऑर्डर, लेकिन मटेरियल की कमी...
सीएनजी किट फिट करने वाले नरेंद्र हाड़ा का कहना है कि भारी वाहनों पहली पहली बार राजस्थान में फिटनेस सेंटर ही उनका संचालित है, जो कि दो बसों में सीएनजी किट लगा भी चुका है. लेकिन लॉकडाउन (Lockdown) के बाद से कुछ समस्या आ रही है, जो मटेरियल इसके लिए चाहिए वह नहीं उपलब्ध हो पा रहा है. ऐसे में हमारे पास ऑर्डर भी हैं और हम चाह रहे हैं कि जल्दी इन ऑर्डर को पूरा करें, लेकिन धीरे-धीरे सामानों की आपूर्ति अब बहाल हुई है.
लागत बढ़ी, समय पर आपूर्ति भी नहीं...
सीएनजी किट पेट्रोल-डीजल के दामों के चलते अब महंगे हो गए हैं, क्योंकि लोग अब इसमें ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं. बीते दिनों लॉकडाउन चल रहा था. इसके चलते कई फैक्ट्री बनती है. ऐसे में इस में लगने वाले उपकरण भी आसानी से उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं. पहले जहां पर बसों में सीएनजी किट 2 लाख 50 हजार रुपये में लग रहा था, अब यह लागत 1 लाख बढ़कर 3 लाख 50 हजार से ज्यादा हो गई है.
प्रदेश की पहली सीएनजी बस भी कोटा में चली...
कोटा के बस ऑपरेटर विपिन पुरुषवानी ने दावा किया है कि प्रदेश की पहली सीएनजी बस उन्होंने ने ही मुंबई से 10 साल पहले कोटा लाकर चलाई थी, लेकिन नई तकनीक को अपनाने में लोगों को समय लग जाता है. बदलाव में थोड़ा अंतर आता है. कोटा के लोगों को समझाया कि यह भी अन्य बसों की तरह ही है, तकनीक भी जो मैकेनिक हैं, उन्हें बताई. क्योंकि इसके पार्ट्स भी आसानी से नहीं मिलते थे, लेकिन वह पार्ट्स भी उपलब्ध हुए. अब सीएनजी बस लोकल रूट पर भी संचालित होने लगी हैं और आगे जाकर यह और बढ़ेंगी. ग्रीन फ्यूल व क्लीन फ्यूल के साथ वातावरण की स्वच्छता पर काम कर रहे हैं.
पढ़ें :Special: ऐतिहासिक परकोटा बाजार पर अतिक्रमण का 'पैबंद'...UNESCO ने दिया था विश्व विरासत का तमगा