कोटा. कोरोना से एक तरफ जहां पर पूरा विश्व परेशान हैं. 7200 से ज्यादा लोगों की मौत इस बीमारी के चलते हो गई है. उसका खामियाजा अब किसानों को भी भुगतना पड़ रहा है. सरकार समर्थन मूल्य पर सरसों और चने की फसल की खरीद कर रही है, लेकिन फसल खरीदने के पहले किसान को आधार वेरिफिकेशन कराना होता है. जिसे अब बायोमेट्रिक की जगह ओटीपी से कर दिया है, लेकिन किसानों के मोबाइल नंबर आधार में नहीं है. ऐसे में उनके मोबाइल पर ओटीपी नहीं आ पा रहा है और वेरिफिकेशन नहीं हो रहा है. इससे उनकी फसलों की समर्थन मूल्य पर खरीद नहीं हो पा रही है.
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ये आ रही है समस्या
बायोमेट्रिक मशीनों में थंब इंप्रेशन लगाने से कोरोना का संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे में फैल सकता है. इसके चलते देश भर में सभी जगह बायोमैट्रिक से हाजरी बंद कर दी है, लेकिन समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए भी किसान को बायोमेट्रिक मशीन से वेरिफिकेशन कराना होता है. अब जब उसको बदलकर आधार नंबर से जुड़े मोबाइल पर ओटीपी मैसेज भेज कर अपना वेरिफिकेशन कराना होगा, लेकिन अधिकांश किसानों के आधार नंबर से मोबाइल नंबर नहीं जुड़ा हुआ है. ऐसे में उन्हें ओटीपी नहीं जा पा रहे हैं. जिसके चलते वे अपनी समर्थन मूल्य पर फसल नहीं बेच पा रहे हैं.
किराया लेकर आ रहे, वापस ले जाना मजबूरी
किसान अपनी फसल को लेकर खरीद केंद्र पर भी पहुंच रहे हैं, लेकिन इस समस्या के चलते फसल की खरीद नहीं हो रही है. ऐसे में उन्हें अपनी फसल को वापस ले जाना पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि उनका बार बार फसल को लाने ले जाने में किराया लग रहा है. गलाना निवासी सुरजा बाई के बेटे दुर्गाशंकर 18 क्विंटल चना बेचने के लिए आए थे, लेकिन उनकी मां के आधार कार्ड में मोबाइल नंबर दर्ज नहीं है. ऐसे में ओटीपी नहीं आया और वह अपनी समर्थन मूल्य पर फसल को नहीं बेच पाए. इसी तरह जुगराज भी 25 क्विंटल चना बेचने पहुंचे थे, टोकन कट गया, सिस्टम नहीं चलने के कारण फसल नहीं बिकी वापस ले जानी पड़ी. बनियानी के बनवारीलाल 9 क्विंटल सरसों लेकर बेचने आए थे, मोबाइल पर मैसेज नहीं आया, फसल को वापस ले जाना पड़ा.
खत्म हो जाएगा टोकन, फिर नहीं बेच पाएंगे फसल
एक बार रजिस्ट्रेशन कराने के बाद किसान को फसल बेचने के लिए एसएमएस भेजा जाता है. जिसे टोकन कहा जाता है. इस टोकन को 7 दिन तक ही मान्य रखा जाता है. ऐसे में अब जब किसानों के आधार कार्ड में मोबाइल नंबर जुड़े हुए नहीं है. उनको एसएमएस के जरिए ओटीपी नंबर नहीं मिल पा रहा है, तो उनकी फसल के तुलाई नहीं हो पा रही है. उनके सामने संकट हो गया है कि अगर 7 दिन तक आधार नंबर से मोबाइल नहीं जुड़ा तो वह अपनी फसल को नहीं बेच पाएंगे.