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मेडिकल कॉलेज में शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. बैरवा मिले कोविड पॉजिटिव, कई कमेटियों के साथ कर रहे थे जेके लोन में नीकू व पीकू का दौरा

मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विभाग के बहुचर्चित एचओडी डॉ. अमृतलाल बैरवा ने कोरोना लक्षण नजर आने के बाद जांच करवाई थी, जो पॉजिटिव आई है. इसके बाद से उन्होंने अपने आप को क्वारेंटाइन कर लिया है.

Amritlal Bairwa Corona positive, HOD Amritlal Bairwa of Kota
शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. बैरवा हुए कोविड पॉजिटि

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Published : Dec 17, 2020, 9:41 PM IST

कोटा.जेके लोन अस्पताल में लगातार हो रही नवजात शिशु की मौत के मामले में सुर्खियों में बना हुआ है. इसके बाद मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. अमृतलाल बैरवा को पद से हटाने के आदेश जारी कर दिए थे. हालांकि नए एचओडी डॉ. अमृता मयंगर ने विभागाध्यक्ष पद पर ज्वॉइन नहीं किया है. वहीं एचओडी डॉ. अमृतलाल बैरवा ने कोरोना लक्षण नजर आने के बाद जांच करवाई थी, जो कि पॉजिटिव आई है. इसके बाद से उन्होंने अपने आप को क्वॉरेंटाइन कर लिया है.

शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. बैरवा हुए कोविड पॉजिटि

हालांकि, जेके लोन अस्पताल में विभिन्न प्रतिनिधिमंडल और उच्च अधिकारियों के दौरान डॉ. बैरवा उनके साथ रहे थे. उन्होंने ही मानव अधिकार आयोग के सचिव बीएल मीणा और रजिस्ट्रार अमित पुरोहित को भी दौरा करवाया था. इसके पहले राज्य बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष संगीता बेनीवाल के साथ भी के दौरे पर गए थे.

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इसके अलावा राज्य के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के निर्देश पर बनी स्टेट की जांच समिति, जिसकी अगुवाई चिकित्सा शिक्षा सचिव शिवांगी स्वर्णकार कर रही थी. उनके साथ भी लगातार वे अस्पताल के भ्रमण में थे. इसके अलावा अस्पताल के अन्य चिकित्सकों और राजनीतिक प्रतिनिधि मंडलों के साथ भी उन्होंने दौरा किया था. इसमें जेके लोन अस्पताल में नवजातों के एनआईसीयू, एफबीएनसी और पीआईसीयू देखा था. ऐसे में सभी पर कोरोना संक्रमण का खतरा मंडराया है.

15 बेड का अस्थाई एनआईसीयू बनेगा...

जेके लोन अस्पताल में 15 बेड का अस्थाई रूप से एनआईसीयू भी तैयार करवाया जा रहा है. यह ऊपर के फ्लोर पर बनाया जाएगा, ताकि अस्पताल में एक वार्मर पर दो नवजात के लेटे होने की समस्या से निजात दिलाई जा सके. मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना ने बताया कि एक-दो दिन में इस नए एनआईसीयू को शुरू कर दिया जाएगा, जो कि अस्थाई रूप से ही काम करेगा. अस्पताल में जब नया एनआईसीयू बनकर तैयार हो जाएगा, तब इन सभी वार्मर को वहां पर शिफ्ट किया जाएगा.

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