कोटा. देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई मेन के संबंध में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की ओर से दिशा-निर्देश जारी नहीं किए गए हैं. ऐसे में अब विद्यार्थियों में परीक्षा को लेकर संशय है कि जेईई मेन में दो अटेंप्ट होंगे या चार बार परीक्षा (attempt of JEE Mains 2022) देने का मौका विद्यार्थियों को मिलेगा.
फरवरी महीने में पिछले साल पहला अटेंप्ट जेईई मेन परीक्षा का हुआ था. इसके बाद मार्च में भी परीक्षा हो गई थी और उसके बाद ही लॉकडाउन लगा था. हालांकि इस बार पहला अटेंप्ट फरवरी महीने में हो पाना संभव नहीं है, क्योंकि उसके लिए एक से डेढ़ महीने पहले रजिस्ट्रेशन शुरू होता है. इस बार न तो रजिस्ट्रेशन शुरू हुआ है, न ही अटेंप्ट के बारे में कोई जानकारी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (JEE Mains NTA Notification) ने जारी की है.
परीक्षा के रजिस्ट्रेशन के बाद परीक्षा केंद्रों की सूची भी जारी करनी होती है. साथ ही विद्यार्थियों के प्रवेश पत्र भी जारी करने होते हैं, ताकि विद्यार्थी का सेंटर अगर दूसरे शहर में आया है, तो वह आने जाने की व्यवस्था बना सके. लेकिन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (JEE Main NTA Guidelines) ने अभी कुछ भी घोषित नहीं किया है. इसी के चलते गणित संकाय के लाखों विद्यार्थी संशय की स्थिति में है, उनके सामने असमंजस बना हुआ है कि परीक्षा कब होगी. जबकि जेईई मेन 2021 के लिए 16 दिसंबर 2020 से ही आवेदन और रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया गया था. बीते साल चार अटेंप्ट में करीब 10 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी.
टॉप 20 परसेंटाइल या 75 प्रतिशत रहती थी पात्रता
कोटा के करियर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि गणित संकाय के लाखों विद्यार्थी कशमकश में हैं. जेईई मेन एवं एडवांस्ड की तिथियां व एलीजिलिबिटी सरकार की तरफ से अभी तक घोषित नहीं हुई हैं. साथ ही बीते 2 सालों से केंद्र सरकार ने एडवांस व मेन परीक्षा (Kota Coaching Engineering Entrance Exam) के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटएरिया में छूट दी थी. गत वर्ष कोविड-19 महामारी के चलते बारहवीं बोर्ड परीक्षा में 75 फीसदी से कम अंक वाले विद्यार्थियों को भी परीक्षा में बैठाया गया था. जबकि वर्ष 2019 तक आईआईटी-एनआईटी में प्रवेश के लिए बारहवीं बोर्ड में टॉप 20 परसेंटाइल या 75 फीसदी अंक लाना अनिवार्य था.
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सीबीएसई टर्म -1 में अच्छा नहीं कर पाए विद्यार्थियों के सामने भी चुनौती
सीबीएसई टर्म -1 में कई विद्यार्थी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं. ऐसे स्टूडेंट्स को अब टर्म- 2 परीक्षा में परीक्षा में काफी मेहनत करनी होगी. क्योकि जेईई मेन एवं एडवांस्ड की ओर से आईआईटी-एनआईटी में प्रवेश के लिए बोर्ड पात्रता में छूट नहीं दिए जाने पर उन्हें 75 प्रतिशत की पात्रता को पूरी करना होगी. विद्यार्थियों के सामने एक अन्य चुनौती यह भी है कि जेईई मेन 2022 की परीक्षा के अटेंप्ट और सीबीएसई की 12वीं की परीक्षाएं एक साथ हो जाती है, तो उन्हें तैयारी करने का भी समय कब मिलेगा.
सीबीएसई टर्म -1 में अच्छा नहीं कर पाए विद्यार्थियों के सामने भी चुनौती ऐसी स्थिति में स्टूडेंट्स सीबीएसई की एडवांस क्वालीफाई के लिए प्रतिशत के क्राइटेरिया से बाहर हो सकते हैं. हालांकि केंद्र सरकार पांच राज्यों में चुनाव या फिर कोविड-19 के चलते देरी क्यों हो रही है, यह भी क्लियर नहीं कर पाई है.
स्टूडेंट्स का एडवांस के लिए फ्री होना जरूरी
महाराष्ट्र निवासी अथर्व कोटा में रहकर जेईई मेन व एडवांस की तैयारी कर रहे हैं. उनकी मां डॉ. संतोष महाजन का कहना है कि ऐसा लगता है पिछले साल जैसे फरवरी में पहला एग्जाम हुआ था, अब कोरोना का पीक इस साल फरवरी में होगा. इसके बाद मार्च के पहले सप्ताह में रजिस्ट्रेशन शुरू हो जाना चाहिए और मार्च अंत में परीक्षा हो. बच्चों की मनोस्थिति ठीक हो जाएगी, फिर एडवांस की तैयारी (advance eligibility of JEE Mains 2022) के लिए लग जाएंगे. बाहरवीं बोर्ड की एक टर्म हो गई, दूसरी टर्म होगा या नहीं यह भी तय नहीं है. ऐसे में बच्चे बोर्ड व जेईई मेन में ही अटके रहेंगे. उनका फ्री माइंड होना जरूरी है ताकि वे एडवांस की तैयारी में लग जाएं. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को जेईई मेन परीक्षा की तारीख और शेड्यूल घोषित कर देना चाहिए ताकि बच्चों में कॉन्फिडेंस बढ़े.
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मध्यप्रदेश के भिंड मुरैना निवासी मनोज कुमार शर्मा का कहना है कि उनका बेटा कृष्णा जेईई एडवांस की तैयारी कर रहा है. अभी मेन की परीक्षा होगी, फिर कब एडवांस होगा, इनके फॉर्म कब भरे जाएंगे. बच्चा टारगेट होकर स्टडी नहीं कर पा रहा है. क्योंकि सीबीएसई के 12वीं की परीक्षा भी उसे देनी है. जेईई मेन की परीक्षा जितनी लेट होगी, बच्चे को उतना ही एडवांस की तैयारी के लिए समय कम मिलेगा.
स्टडी पर नहीं कर पा रहे हैं फोकस
रांची झारखंड के सात्विक सिन्हा कोटा में रहकर इंजीनियरिंग एंट्रेंस की तैयारी कर रहे हैं. उनका कहना है कि एनडीए को नोटिफिकेशन जारी कर देना चाहिए. हमें मन में लग रहा है कि परीक्षा कब होगी, ऐसे में हॉस्टल में रहकर हम पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं. हमारी तैयारी पर काफी असर इससे पड़ रहा है. हम टारगेट होकर पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं. बीते साल जनवरी तक रजिस्ट्रेशन पूरे हो गए थे, ऐसे में जेईई मेन 2021 के फरवरी में पहले सेशन का एग्जाम समय से हुआ था. तारीख फिक्स होने से अच्छे से पढ़ाई भी वह स्टूडेंट्स कर पाए थे.
स्टडी पर नहीं कर पा रहे हैं फोकस बीते 2 सालों जैसे ही हालात, सरकार दे रियायत
यूपी के शाहजहांपुर निवासी प्रियांशु बीते 2 सालों से कोटा में रहकर की आईआईटी एंट्रेंस की तैयारी कर रहे हैं. बीते साल उन्होंने एडवांस की परीक्षा दी थी, लेकिन इस बार पात्रता के बारे में नोटिफिकेशन नहीं आने से चिंतित हैं, क्योंकि उनके 12वीं बोर्ड में 66 प्रतिशत अंक आए थे. उनका कहना है कि बीते 2 सालों से कोविड-19 का असर जिस तरह से था, वैसा ही इस बार भी है. राजस्थान में शिक्षण संस्थाएं बंद की जा चुकी है. ऐसे में पिछले साल जैसी ही स्थिति अभी बनी हुई है. ऐसे में एडवांस योग्यता पर निर्णय सरकार को लेकर हमें रियायत देनी चाहिए.