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SPECIAL : कोटा कोचिंग को अनलॉक करने की मांग...शहर की अर्थव्यवस्था की संजीवनी है कोचिंग व्यवसाय

कोटा की अर्थव्यवस्था में कोचिंग व्यवसाय 5000 करोड़ का है. करीब 50,000 लोग इस रोजगार से जुड़े हैं. कोचिंग के चलते फुटकर व्यवसाय से लेकर हॉस्टल संचालक तक कोचिंग से अपनी आजीविका चला रहे हैं.

कोटा कोचिंग, Kota Coaching

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Published : Jun 15, 2021, 7:32 PM IST

Updated : Jun 15, 2021, 8:45 PM IST

कोटा. कोविड-19 की दूसरी लहर के चलते कोटा कोचिंग संस्थानों को फिर से बंद कर दिया गया था. अब कोरोना का असर कम होने के साथ ही कोचिंग संस्थान को खोलने की मांग की जा रही है.

कोटा शहर की अर्थव्यवस्था कोचिंग पर बहुत हद तक निर्भर करती है. ऐसे में कोचिंग शुरू होने से हजारों लोगों का रोजगार शुरू होगा. कोचिंग संस्थान ने भी सरकार से ऑफलाइन कोचिंग क्लासेज शुरू करने की मांग की है.

जल्द कोचिंग खोलने की मांग

कोचिंग संस्थानों का वैक्सीनेशन अभियान

कोटा के कोचिंग संस्थान संचालकों का कहना है कि उन्होंने पूरे स्टाफ को वैक्सिनेट करवाया है. स्टाफ के परिजनों तक को वैक्सीन लगवाई है. कोटा में हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहे पात्र छात्रों का भी वैक्सीनेशन कराया जा रहा है. कोटा आने वाले बच्चों से वैक्सीन लगवाकर आने का आग्रह किया जा रहा है.

इसके अलावा क्लासरूम भी इंफेक्शन फ्री रखने की कोशिशें की गई हैं. कोचिंग संस्थान ने अपने स्तर पर स्टैंडर्ड ऑपरेशन प्रोटोकॉल (Standard Operation Protocol) बनाया है. ताकि सुरक्षित कोचिंग शुरू की जा सके.

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गाइडलाइन का पालन करेंगे बच्चे

कोचिंग संस्थान संचालकों का कहना है कि यहां बच्चे नीट और जेईई की तैयारी के लिए आते हैं. ये बच्चे समझदार होते हैं. ऐसे में बच्चे आसानी से मास्क, सैनिटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग जैसी गाइडलाइन का पालन करेंगे.

कोटा कोचिंग फैक्ट्स

संक्रमण से बचाव के उपाय

जनवरी में सरकार ने कोटा के कोचिंग संस्थान खोल दिये थे. ये संस्थान 8 महीने बाद खुले थे. इस दौरान संचालकों ने हॉस्टल, मैस और कोचिंग परिसर में पर्याप्त इंतजाम जुटा लिये थे. अल्ट्रावायलेट क्लासरूम भी बनाए गए थे, ताकि एक बैच के बाद क्लासरूम को सैनिटाइज किया जा सके. हॉस्टल्स में भी आइसोलेशन रूम बना दिए गए थे. कोटा में सिंगल रूम कल्चर के कारण कोरोना फैलने का डर कम से कम है.

कोचिंग खोलने की मांग

पहुंच रहे बच्चे, ऑफलाइन क्लासेज की मांग

कोटा में हॉस्टल में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे बच्चों ने ऑफलाइन क्लासेज शुरू करने की मांग की है. ताकि वे अपना इंजीनियर और डॉक्टर बनने का सपना साकार कर सकें.

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क्लासेज की स्ट्रेंथ कम की गई

कोचिंग संस्थानों ने 100 के बैच को आधे से भी कम कर दिया है. ऐसे में सोशल डिस्टेंस (social distance) की पालना के लिये ये संस्थान तैयार हैं. बच्चों के प्रवेश पर सैनिटाइजेशन और टेंपरेचर का भी ध्यान रखा गया. संस्थानों में सोशल डिस्टेंस के लिए मार्किंग की गई है. कहने का मतलब संस्थान खुलने के लिए तैयार हैं.

सोशल डिस्टेंस की तैयारी

हाइब्रिड और ड्यूल मोड पर संचालित की क्लासेज

कोचिंग संस्थान के निदेशक नवीन माहेश्वरी का कहना है कि उन्होंने क्लासेज को हाइब्रिड और ड्यूल मोड में संचालित करना शुरू कर दिया है. कोचिंग शुरू होती है तो इसी पैटर्न पर क्लासेज चलेंगी. यानी बच्चों को ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन भी पढ़ाया जाएगा, ताकि बच्चे कोचिंग में कम समय बिताएं.

Last Updated : Jun 15, 2021, 8:45 PM IST

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