कोटा. दिल्ली हाईकोर्ट ने कोटा में एक निजी कॅरियर इंस्टीट्यूट के दावे पर टेलीग्राम मोबाइल एप्लीकेशन और पांच अन्य प्रतिवादियों को निजी कॅरियर इंस्टीट्यूट के नाम से किसी भी तरह की कोई सामग्री किसी भी ग्रुप या अकाउंट पर प्रसारित नहीं करने के लिए अंतरिम राहत देते हुए पाबंद किया है.
दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश राजीव शकधर की एकल पीठ ने टेलीग्राम और उसके मंच पर उपलब्ध 31 चैनलों के नाम से लिंक वाली एक सूची प्रदान की, जो कि वास्तविक रूप से एलन कैरियर इंस्टीट्यूट के कॉपी राइट अध्ययन समग्री उनके व्याख्यानों को प्रदर्शित करती है.
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18 नवंबर को न्यायाधीश राजीव शकधर ने सीएस (कॉमर्शियल) नं.505/2020, आईए नं.10626-27/2020 और 10630/2020 के अंतर्गत आदेश दिया कि दस्तावेजों के आधार पर सुविधा का संतुलन भी इस कॅरियर इंस्टीट्यूट के पक्ष में है और यदि अंतरिम राहत नहीं दी जाती है, तो उसके कानूनी अधिकार और व्यावसायिक हित प्रभावित होते हैं. प्रतिवादी टेलीग्राम को आदेशित किया गया कि निजी करिअर इंस्टीट्यूट के कॉपी राइट वाले टेलीग्राम चैनलों, अकाउंट्स और ग्रुप्स को तुरन्त प्रभाव से निष्क्रिय किया जाए.
वहीं अन्य प्रतिवादी नितेश भास्कर, राहुल चौधरी, सौरव कुमार, रूपेन्द्र कुमार, टेलीकम्यूनिकेशन डिपार्टमेंट नई दिल्ली को आदेश दिया कि इस कैरियर इंस्टीट्यूट द्वारा जारी की जा रही अध्ययन सामग्री, व्याख्यान, वीडियो लेक्चसर्स को किसी भी माध्यम से अपलोड करने से रोकें, क्योंकि प्रथम दृष्टया प्रार्थी का वह कॉपीराइट है. इससे प्रार्थी कॅरियर इंस्टीट्यूट के कानूनी अधिकार और व्यावसायिक हित प्रभावित होते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि यह कॅरियर इंस्टीट्यूट पिछले 32 वर्षों से मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रतियोगी प्रवेश परीक्षाओं के लिए मार्गदर्शन प्रदान कर रहा है, जो कि भारत वर्ष के छात्र-छात्राओं के लिए एक अच्छा माध्यम है.