कोटा. देश में मेडिकल एंट्रेस का सबसे बड़ा एग्जाम राष्ट्रीय पात्राता सह प्रवेश परिक्षा (NEET UG 2021) में सफल हुए विद्यार्थियों को परीक्षा परिणाम रिवाइज होने का डर सताने लगा है. नीट यूजी 2021 का परीक्षा परिणाम 1 नवंबर को जारी कर दिया था. लेकिन मेडिकल काउंसलिंग कमिटी (Medical Counseling Committee)ने अभी तक एडमिशन काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू नहीं (Delay in NEET UG Counseling) की है. ऐसे में अब 8 लाख 70 हजार से ज्यादा क्वालीफाई विद्यार्थियों में संशय की स्थित बनी हुई है.
कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि सामान्यतया परीक्षा परिणाम जारी होने के 10 से 15 दिन बाद काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. बीते साल 2020 में तो 17 अक्टूबर को परिणाम जारी हुआ और 27 अक्टूबर से काउंसलिंग भी शुरू हो गई थी. ऐसे में अब विद्यार्थियों की चिंता का बड़ा कारण यह भी है कि मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (Medical Counseling Committee) ने काउंसलिंग प्रक्रिया में हो रही देरी को लेकर कोई आधिकारिक सूचना और स्पष्टीकरण जारी नहीं किया है.
एडमिशन काउंसलिंग प्रक्रिया में एक 'शब्द' के कारण देरी
एडमिशन काउंसलिंग प्रारंभ नहीं किए जाने का मुख्य कारण नीट यूजी 2021 परीक्षा के हिंदी माध्यम के पेपर में फिजिक्स का एक प्रश्न है. यह फिजिक्स में प्रत्यावर्ती धारा से संबंधित एक प्रश्न का मात्र एक 'शब्द' है जो हिंदी और अंग्रेजी भाषा में तात्पर्य पूर्णतया परिवर्तित हो गया है. ऐसे में प्रश्न का स्वरूप ही बदल गया. इस कारण हिंदी और अंग्रेजी भाषा में इस प्रश्न के उत्तर भी अलग-अलग प्राप्त हुए.
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सुप्रीम कोर्ट में मामला
देव शर्मा ने बताया कि अंग्रेजी माध्यम के प्रश्न पत्र में स्पष्ट तौर पर 'एंप्लीट्यूड ऑफ द करंट' का मान दिया गया था. जबकि हिंदी माध्यम के प्रश्न पत्र में सिर्फ 'करंट' का मान दिया गया था. 'एंप्लीट्यूड' शब्द के कारण प्रश्न का अर्थ अंग्रेजी और हिंदी में अलग-अलग निकला. इस प्रश्न एन2 कोड की एग्जामिनेशन बुकलेट में प्रश्न संख्या 8 पर आया था. हिंदी माध्यम के कुछ विद्यार्थियों ने इस प्रश्न को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में एक याचिका भी दायर की है. इस पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए तीन विषय विशेषज्ञों की कमेटी गठित कर प्रश्न की जांच के आदेश दिए है.